गुरुवार, 2 जनवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Why is PM Narendra Modi engaged in damage control after Amit Shah's statement on Ambedkar
Last Modified: सोमवार, 30 दिसंबर 2024 (12:30 IST)

अंबेडकर पर अमित शाह का बयान भाजपा की दलित राजनीति के लिए बना चुनौती?

अंबेडकर पर अमित शाह के बयान के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटे PM नरेंद मोदी

amit shah
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर को लेकर संसद में दिया बयान भाजपा के लिए गले की हड्डी बन गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भले अंबेडकर पर दिए अपने बयान पर सफाई पेश की हो लेकिन कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल लगातार इसके मुद्दा बना रहे है। कांग्रेस गृहमंत्री अमित शाह के बयान को भीमराव अंबेडकर के साथ दलितों का अपमान बता रही है। कांग्रेस में जिलों में अंबेडकर सम्मान यात्रा निकाल कर भाजपा को पूरे मुद्दें पर घेरने के साथ गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रही है।

अंबेडकर पर क्या कहा था अमित शाह ने?-संविधान पर चर्चा के दौरान ही गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपने भाषण में भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते हुए कहा कि अभी एक फैशन हो गया है-अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर,अंबेडकर, इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। अंबेडकर को लेकर दिए इस बयान पर कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने खुद इस पर सफाई देते हुए कहा कि इसे अपने भाषण का सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा बताते हुए पूरे भाषण का जिक्र किया। वहीं कांग्रेस ने अमित शाह के बयान को अंबेडकर पर दिए बयान को दलितों को अपमान बताते हुए इसे खूब वायरल किया।

पीएम मोदी के भाषण के केंद्र में अंबेडकर-गृहमंत्री अमित शाह के संसद में अंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासी बवाल मचने के बाद खुद प्रधानमंत्री अब डैमेज कंट्रोल में जुटे है। प्रधानमंत्री अपने सार्वजनिक कार्यक्रमों में कांग्रेस पर अंबेडकर का अपमान करने  का आरोप लगा रहे है। पिछले दिनों मध्यप्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिल रखने के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी देश के लिए अंबेडकर के योगदान को नजरअंदाज कर रही है और हमेशा एक परिवार को इसका श्रेय दे रही है। पीएम ने कहा कि देश में लंबे समय तक कांग्रेस की सरकार रही है. देश में जल प्रबंधन और बड़ी परियोजनाओं को लेकर कांग्रेस ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई. अंबेडकर द्वारा की गई जल प्रबंधन और नदी परियोजनाओं की योजना को कांग्रेस ने अनदेखा किया.कांग्रेस ने जल संकट के समाधान और संग्रह की दिशा में ठोस प्रयास नहीं किए।

प्रधानमंत्री ने कहा बाबा साहब अंबेडकर की दूरदर्शिता ने भारत के जल संसाधनों,जल प्रबंधन और बांध निर्माण को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. अंबेडकर जी ने भारत में प्रमुख नदी घाटी परियोजनाओं के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वर्तमान केंद्रीय जल आयोग के गठन के पीछे भी उनके प्रयास ही हैं।

'मन की बात' में संविधान का गुणगान-रविवार को मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के कारण ही वह लोगों से बात कर पा रहे है। मोदी ने  कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें जो संविधान सौंपा है, वो समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। 2025 में 26 जनवरी को हमारे संविधान को लागू हुए 75 वर्ष होने जा रहे हैं. हम सभी के लिए बहुत गौरव की बात है। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने संविधान के 75 साल पूरे होने पर वेबसाइट का जिक्र करते हुए कहा कि देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए http://constitution75.com नाम से एक खास वेबसाइट भी बनाई गई है. इसमें आप संविधान की प्रस्तावना पढ़कर अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं,अलग-अलग भाषाओं में संविधान पढ़ सकते हैं, संविधान के बारे में प्रश्न भी पूछ सकते हैं। प्रधानमंत्री ने मन की बात के श्रोताओं से, स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से, कॉलेज में जाने वाले युवाओं से इस वेबसाइट का हिस्सा बनने का आग्रह किया।

अंबेडकर की जन्मस्थली महू पहुंचे राजनाथ सिंह-गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद भाजपा और उसके बड़े नेता लगातार खुद को अंबेडकर के करीब बताते हुए यह मैसेज देने की कोशिश में जुटे है कि अंबेडकर का सम्मान भाजपा ही करती है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने  बाबा साहेब की जन्मस्थली इंदौर के महू पहुंचकर बाबा साहेब अंबेडकर स्मारक स्थल पर माल्यार्पण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अंबेडकर को निस्वार्थ सेवा का प्रतीक बताते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन सामाजिक समानता और सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया।

भाजपा को दलित वोट बैंक की चिंता?- बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर अमित शाह के बयान के बाद भाजपा को दलित वोट बैंक को छिटकने का डर सता रहा है। 2014 में नरेंद्र मोदी के केंद्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा लगातार दलित वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश करती आई है, लेकिन इस साल हुए लोकसभा चुनाव में जब राहुल गांधी ने चुनाव में अंबेडकर के नाम लेकर संविधान बदलने का मुद्दा उठाया तो भाजपा को इसका नुकसान उठाना प़ड़ा औऱ कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को इसका फायदा हुआ।

लोकसभा की 543 सीटों में से 84 सीटें दलितों के लिए आरक्षित हैं। वहीं लोकसभा की 156 सीटें ऐसी हैं, जहां दलित वोट काफी संख्या में है। इन 156 सीटों में से इस साल हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक को  93 और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 57 सीटें जीतीं। अगर चुनावी आंकड़ों  को देखा जाए तो दलित वोट बैंक की बाहुल्यता वाली 156 लोकसभा सीटों में लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन को 53 सीटों का फायदा हुआ औऱ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 34 सीट का नुकसान हुआ है। वहीं देश के बड़े राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, पंजाब में दलित वोटर्स की संख्या 20 फीसदी से अधिक है।

अगर दलित वोटर्स को देखा जाए तो सियासी दलों के लिए बड़ा वोटबैंक है। देश की दलितों की आबादी 16.63 फीसदी हैं। वहीं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में दलितों की आबादी 21 फीसदी से अधिक है और राज्य की 42 लोकसभा में दलित वोट बैंक जीत हार तय करते है। वहीं मध्यप्रदेश की कुल आबादी का 16 फीसदी दलितों की आबादी है। वहीं बिहार मे दलितों की आबादी 16 फ़ीसदी से अधिक है।

ऐसे में जब अगले साल दिल्ली और बिहार जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है तब भाजपा अंबेडकर के मुद्दें पर पूरी तरह से डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है। वहीं कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल गृहमंत्री अमित शाह के बयान को आंबेडकर के अपमान का मुद्दा बनाकर दलित वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे है, जिसका उन्हें चुनावी लाभ मिल सके। दरअसल भीमराव अंबेडकर दलित समाज के महापुरुष है और अंबेडकर के नाम पर सियासी दल दलितों को अपने  साथ जोड़ने की कोशिश करते है।
 
ये भी पढ़ें
केजरीवाल का एक और बड़ा दांव, चुनाव से पहले खुश होंगे हिन्दू और सिख