मुंबई। देश का चौथा सबसे बड़ा निजी बैंक येस बैंक (YES Bank) आज अपने ही कर्ताधर्ताओं के कारण डूबने की कगार पर पहुंच गया है। गुरुवार को केंद्रीय बैंक (भारतीय रिजर्व बैंक) ने टैकओवर करने के साथ ही खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा 50 हजार रुपए महीना कर दी यानी एक खाताधारी महीनेभर में 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम नहीं निकाल सकता। इस फैसले के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया और बैंकों के आगे लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।
ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में येस बैंक की 1120 शाखाएं और 1450 एटीएम हैं। येस बैंक में 21 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। येस बैंक से जुड़े हर व्यक्ति की चाहे उसका पैसा जमा हो या नौकरी कर रहा हो, सभी की रातों की नींदें उड़ गई हैं। निवेशकों का पैसा डूबा, सो अलग...। हालांकि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक कर्मचारियों का 1 साल का वेतन सुरक्षित है। उन्होंने खाताधारकों को भी आश्वस्त किया है कि उनका पैसा नहीं डूबेगा।
2004 में कपूर बंधुओं ने की थी शुरुआत : मुंबई में 2004 में निजी बैंक येस बैंक की शुरुआत राणा कपूर ने अपने दोस्त और रिश्तेदार अशोक कपूर की थी। 16 साल में येस बैंक देश के अग्रणी बैंकों में शुमार हो गया था। 2005 में येस बैंक ने आम लोगों के लिए आईपीओ लांच किया और नवंबर 2005 में ही राणा कपूर को 'एंटरप्रन्योर ऑफ द ईयर' के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
मुंबई हमले में 2008 में अशोक कपूर की मौत : मुंबई में 26 नवंबर 2008 में जब आतंकी हमला हुआ, तब अशोक कपूर ताज में ही थे, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद से ही येस बैंक के पतन की शुरुआत होना शुरू हो गया। दरअसल अशोक की पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच बैंक के मालिकाना हक को लेकर विवाद शुरू हो गया। मधु चाहती थीं कि उनकी बेटी को यस बैंक के मैनेंजमेंट बोर्ड में जगह मिले, लेकिन राणा कपूर ऐसा नहीं होने दे रहे थे, जिसकी वजह से दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गई। इस विवाद के कारण धीरे-धीरे बैंक की जड़ें खोखली होती गईं।
इन 3 डिफाल्टरों ने येस बैंक को डुबोया : येस बैंक जो सफलता की ऊंचाईयां तय करता जा रहा, यकायक उसकी स्पीड पर ब्रैक लग गया क्योंकि जिन बड़े लोगों को उसने कर्ज दिया था, वह वापस नहीं लौटा रहे थे। बैंक ने उन लोगों को भरपूर पैसा दे डाला जो डूब रहे थे। कैफे कॉफी डे ग्रुप के मालिक ने कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली जबकि जेट एयरवेज के मालिक नरेश मित्तल ने जेट एयरवेज के पहियों को जाम कर डाला। बैंक के तीसरे बड़े डिफाल्टर अनिल अंबानी हैं, जिनकी कंपनी भी नष्ट होने के कगार पर है। ये सभी अरबों का कर्ज डकार गए। इनके अलावा बैंक ने दीवान फायनेंस, डीएचएलएफ, सीजी पावर, कॉक्स एंड किंग्स को भी बड़ा लोन दिया था।
आरबीआई ने संस्थापक राणा कपूर को हटाया : 2018 के बाद से रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर शिकंजा कसना शुरू किया, क्योंकि उसे महसूस हुआ कि बैंक बैलेंस शीट में गड़बड़ी कर रहा है। आरबीआई ने बैंक के संस्थापक राणा कपूर को चेयरमैन पद से हटा दिया। देश में यह पहला ऐसा प्रसंग था, जब आरबीआई ने किसी बैंक के चेयरमैन को हटाया हो। यही नहीं, आरबीआई ने कई पाबंदियां भी लगा दीं।
राणा कपूर पर मनीलांड्रिंग का केस दर्ज : येस बैंक के फेल होने के बाद मचे तूफान के बीच देर रात प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बैंक संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ मनीलॉंड्रिंग का केस दर्ज किया है। ईडी की टीम ने राणा के मुंबई के वर्ली स्थित उनके घर 'समुद्र महल' पर छापा मारा है।
ईएमआई पर नहीं होगा असर : जो लोग येस बैंक डूबने के कारण परेशान हैं, उनके लिए कुछ राहत भी है। जिन लोगों ने कर्ज ले रखा है और उनकी ईएमआई येस बैंक से जाती है, वह जारी रहेगी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंक का 30 दिन में पुनर्गठन कर लिया जाएगा। लोन बांटने में जो लापरवाही हुई, उसकी जांच की जाएगी।
बैक खाताधारी परेशान : येस बैंक में जिन लोगों ने फिक्स डिपॉजिट की हुआ है, उनकी हालत खराब है। लोगों का कहना है कि फिक्स डिपॉजिट के ब्याज से जो पैसा आता था, उससे उनका घर चलता था लेकिन बैंक ने अब बेघर कर दिया है। एक ने कहा कि हमारा जीवनभर का कैल्कुलेशन ही बैंक ने फेल कर दिया। डूबतों को बैंक कर्ज देने से बचता तो आज यह हालत नहीं होती...