रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Ayodhya case hearing in Supreme court
Written By
Last Updated : बुधवार, 30 अक्टूबर 2019 (18:54 IST)

हिन्दुओं का विश्वास है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ, सुप्रीम कोर्ट में बोले रामलला के वकील

हिन्दुओं का विश्वास है कि राम का जन्म अयोध्या में हुआ, सुप्रीम कोर्ट में बोले रामलला के वकील - Ayodhya case hearing in Supreme court
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को ‘रामलला विराजमान’ की ओर से दलील दी गई कि यह हिन्दुओं की आस्था और विश्वास है कि अयोध्या ही भगवान राम का जन्मस्थल है और उनका जन्म विवादित ढांचे वाले स्थान पर हुआ था।
 
‘रामलला विराजमान’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने कहा कि ‘पुराणों’ के अनुसार हिन्दुओं का यह विश्वास है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और न्यायालय को इसके आगे जाकर यह नहीं देखना चाहिए कि यह कितना तर्कसंगत है।
 
वैद्यनाथन ने अयोध्या प्रकरण की सुनवाई में छठे दिन बहस शुरू करते हुए 1608-1611 के दौरान भारत आए अंग्रेज व्यापारी विलियम फिंच के यात्रा वृतांत का उल्लेख किया जिसमे दर्ज किया गया था कि अयोध्या में एक किला या महल था जहां, हिन्दुओं का विश्वास है कि भगवान राम का जन्म हुआ था।
 
उन्होंने कहा, 'यह लोगों का विश्वास है कि यही वह स्थान है जहां भगवान राम का जन्म हुआ था। इसे हमेशा से ही भगवान राम का जन्म स्थान माना गया है।'
 
वैद्यनाथन ने कहा कि फिंच का यात्रा वृत्तांत ‘अर्ली ट्रैवेल्स टू इंडिया’ पुस्तक में प्रकाशित हुआ। इसमें इस बात का उल्लेख है कि हिन्दुओं का मानना है कि अयोध्या ही भगवान राम का ‘जन्मस्थान’ है।
 
वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपनी दलीलों के समर्थन में ब्रिटिश सर्वेक्षक मोन्टगोमेरी मार्टिन और मिशनरी जोसेफ टाइफेन्थर सहित अन्य के यात्रा वृत्तांतों का भी जिक्र किया। 
 
सुनवाई के दौरान 5 सदस्यीय पीठ ने वैद्यनाथन से जानना चाहा, 'पहली बार कब इसे बाबरी मस्जिद नाम से पुकारा गया?' वैद्यनाथन ने इस पर कहा, '19वीं सदी में। ऐसा कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है जिससे पता चले कि 19वीं सदी से पहले इसे बाबरी मस्जिद के नाम से जाना जाता था।'
 
शीर्ष अदालत राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान- के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था।