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Last Updated : सोमवार, 18 सितम्बर 2017 (15:02 IST)

नरोदा दंगा मामले में अमित शाह की गवाही, कोर्ट में दिया ये बयान

नरोदा दंगा मामले में अमित शाह की गवाही, कोर्ट में दिया ये बयान - Amit Shah testimony in the Naroda riots case
अहमदाबाद। गुजरात में हुए दंगे के दौरान नरोदा गांव में 11 लोगों की हुई मौत के मामले में सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गवाही दी। इस मामले में पूर्व विधायक माया कोडनानी आरोपी हैं। शाह ने एसआईटी अदालत में गवाही देते हुए शाह ने कहा कि उस समय कोडनानी विधानसभा में मौजूद थीं। शाह को विशेष अदालत की ओर से गत 12 सितंबर को समन जारी किया गया था।

शाह ने कड़ी सुरक्षा के बीच यहां एसआईटी की विशेष अदालत के जज पीबी देसाई की अदालत में अपनी पेशी और 20 मिनट से अधिक समय की उपस्थिति के दौरान गवाही में कहा कि पेशे से महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर श्रीमती कोडनानी जो कि उस समय उन्हीं की तरह विधायक थीं, घटना के दिन यानी 28 फरवरी, 2002 को विधानसभा में उपस्थित थीं। 
 
उस दिन एक दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस का एक डिब्बा जलाने से मारे गए लोगों को विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश कर श्रद्धांजलि दी गई थी। इसके बाद वह जब अपने तत्कालीन विधानसभा क्षेत्र सरखेज में आने वाले सोला सिविल अस्पताल गए तो वहां से निकलते समय उन्होंने श्रीमती कोडनानी को देखा था।
 
अस्पताल में गोधरा के मृतकों के शव लाए गए थे और वहां लोग काफी आक्रोशित थे। पुलिस ने उन्हें तथा श्रीमती कोडनानी को अपनी गाडी में बिठाकर निकाला। हालांकि उन्होंने यह कहा कि विधानसभा और अस्पताल के बीच श्रीमती कोडनानी कहां थी इसकी उन्हें जानकारी नहीं।
 
अदालत में सोमवार को श्रीमती कोडनानी और एक अन्य सजायाफ्ता आरोपी बाबू बजरंगी भी उपस्थित थे। अदालत ने शाह के यहां थलतेज स्थित पते पर समन भेजने के निर्देश दिए पर साथ ही यह भी कहा कि अगर वह अदालत में पेश नहीं हुए तो अदालत दोबारा समन जारी नहीं करेगी। शाह आज यहां भाजपा के एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। उनकी पार्टी का फागवेल में आयोजित ओबीसी सम्मेलन अदालती पेशी के चलते आज रद्द कर दिया गया।
 
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुजरात दंगे के नौ बड़े मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने नरोदा पाटिया प्रकरण की भी जांच की थी। एसआईटी की विशेष अदालत ने 2012 में श्रीमती कोडनानी और बजरंगदल नेता बाबूबाई पटेल उर्फ बाबू बजरंगी समेत 30 को दोषी ठहराया था। श्रीमती कोडनानी को 28 साल की सजा हुई थी और जुलाई 2014 में खराब स्वास्थ्य के चलते और इस पर अपील में सुनवाई पर देरी के चलते उन्हें जमानत दे दी गयी थी।
 
इस मामले तथा इसकी अपील पर सुनवाई के दौरान श्रीमती कोडनानी ने दावा किया था कि घटना के समय वह गुजरात विधानसभा तथा बाद में यहां सोला सिविल अस्पताल में उपस्थित थीं, जहां एक दिन पहले यानी 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच एस 6 को जलाने के चलते मारे गए 59 'कारसेवकों' के शव लाए गए थे। 
 
उनका दावा था कि शाह तत्कालीन विधायक के तौर पर दोनों स्थानों पर उनके साथ मौजूद थे। उनकी गवाही उनके लिए महत्वपूर्ण है। ज्ञातव्य है कि नरोडा पाटिया तथा गाम नरसंहार ट्रेन का कोच जलाने की घटना के एक दिन बार यानी 28 फरवरी 2002 को भडके राज्यव्यापी दंगों के दौरान हुई थी। 
 
इस मामले में श्रीमती कोडनानी समेत 80 से अधिक लोग आरोपी थे। उन पर हमलावर भीड़ की अगुवाई करने का आरोप था। गुजरात में हुए दंगे के दौरान नरोदा गांव में 11 लोगों की हुई मौत के मामले में सोमवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गवाही दी। दरअसल, गोधरा ट्रेन अग्निकांड में 57 हिन्दुओं को जलाकर मार दिया था जिसके एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को नरौदा गाम में 11 मुसलमानों को मार डाला गया था। इस मामले में कुल 82 लोगों के खिलाफ सुनवायी हो रही है।
 
उल्लेखनीय है कि दंगों के बाद 2007 में हुए विधानसभा में चुनाव में माया जीत गई थीं और उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में स्थान मिला था, लेकिन 2009 में माया को गिरफ्तारी के बाद मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। (एजेंसियां)