गुजरात दंगे से जुड़े मामले में अमित शाह को समन
अहमदाबाद। गुजरात में 2002 के भीषण राज्यव्यापी दंगों के दौरान नरोडा गाम प्रकरण में सजायाफ्ता तत्कालीन मंत्री माया कोडनानी की याचिका पर यहां एक विशेष अदालत ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को समन जारी किया। इस हत्याकांड में 11 अल्पसंख्यकों की हत्या कर दी गई थी।
अदालत ने मंगलवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को आगामी 18 सितंबर को इसके समक्ष गवाह के तौर पर पेश होने के लिए समन जारी किया।
एसआईटी की विशेष अदालत के जज पी बी देसाई ने शाह के यहां थलतेज स्थिति पते पर समन भेजने के निर्देश दिये पर साथ ही यह भी कहा कि अगर वह अदालत में पेश नहीं हुए तो अदालत दोबारा समन जारी नहीं करेगी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुजरात दंगे के नौ बडे मामलों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने नरोडा पाटिया प्रकरण की भी जांच की थी।
एसआईटी की विशेष अदालत ने 2012 में माया कोडनानी और बजरंगदल नेता बाबुबाई पटेल उर्फ बाबू बजरंगी समेत 30 को दोषी ठहराया था। कोडनानी को 28 साल की सजा हुई थी और जुलाई 2014 में खराब स्वास्थ्य के चलते और इस पर अपील में सुनवाई पर देरी के चलते उन्हें जमानत दे दी गई थी।
इस मामले तथा इसकी अपील पर सुनवाई के दौरान कोडनानी ने दावा किया था कि घटना के समय वह गुजरात विधानसभा तथा बाद में यहां सोला सिविल अस्पताल में उपस्थित थीं जहां एक दिन पहले यानी 27 फरवरी को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच एस 6 को जलाने के चलते मारे गए 59 कारसेवकों के शव लाए गए थे।
उनका दावा था कि अमित शाह तत्कालीन विधायक के तौर पर दोनों स्थानों पर उनके साथ मौजूद थे। उनकी गवाही उनके लिए महत्वपूर्ण है।
ज्ञातव्य है कि नरोडा पाटिया तथा गाम नरसंहार ट्रेन का कोच जलाने की घटना के एक दिन बार यानी 28 फरवरी 2002 को भड़के राज्यव्यापी दंगों के दौरान हुई थी। इस मामले में कोडनानी समेत 80 से अधिक लोग आरोपी थे। उन पर हमलावर भीड की अगुवाई करने का आरोप था। (वार्ता)