Amit Shah News : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब भाजपा नीत सरकार ने बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किए तो कांग्रेस ने उसका मजाक उड़ाया था, लेकिन इससे क्षेत्र में शांति स्थापित हुई और विकास को बल मिला। उन्होंने कहा, यह क्षेत्र में शांति लाने में समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले एबीएसयू की भूमिका के कारण संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) ने भी हथियार डाल दिए हैं। शाह ने असम के कोकराझार में ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (एबीएसयू) के 57वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने बोडोलैंड के विकास के लिए 1,500 करोड़ रुपए दिए हैं, जिसकी आबादी 35 लाख है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बोडो समझौते के 82 प्रतिशत प्रावधानों का क्रियान्वयन हो चुका है तथा शेष प्रावधान अगले दो वर्षों में लागू कर दिए जाएंगे।
शाह ने बोडो युवाओं से 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारी शुरू करने का भी आह्वान किया, जिसका आयोजन गुजरात के अहमदाबाद शहर में प्रस्तावित है। भाजपा नेता ने कहा कि बोडो युवा अब बंदूक के बजाय अपने हाथों में तिरंगा लेकर चलते हैं और यह जनवरी 2020 में शांति समझौते पर हस्ताक्षर के कारण संभव हुआ है।
उन्होंने कहा, यह क्षेत्र में शांति लाने में समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले एबीएसयू की भूमिका के कारण संभव हुआ है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, कांग्रेस भले ही हम पर हंसी हो कि बीटीआर में शांति नहीं होगी, लेकिन बोडो समझौते के 82 प्रतिशत प्रावधानों को लागू किया जा चुका है और अगले दो वर्षों में 100 प्रतिशत प्रावधानों को पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) ने भी हथियार डाल दिए हैं और केंद्र तथा राज्य सरकारों ने उनके पुनर्वास के लिए कई पहल की हैं।
शाह ने कहा कि अप्रैल के पहले सप्ताह में नई दिल्ली में एबीएसयू के संस्थापक अध्यक्ष बोडोफा उपेन्द्रनाथ ब्रह्मा के नाम पर एक सड़क और उनकी प्रतिमा का लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार बोडोफा के सपनों को हकीकत में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
गृहमंत्री अमित शाह ने की समीक्षा बैठक : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपा) के साथ समीक्षा बैठक में तीन नए आपराधिक कानूनों- बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा की। मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के कारण वहां के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने बैठक में भाग लिया।
असम के मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, माननीय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह वर्तमान में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे हैं। बैठक में पूर्वोत्तर क्षेत्र के सात मुख्यमंत्री भाग ले रहे हैं, जबकि मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को छोड़कर पांच राज्यों के डीजीपी मौजूद हैं। बैठक में कई पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिव भी मौजूद हैं।
आठ राज्यों में से प्रत्येक ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के कार्यान्वयन पर केंद्रीय गृहमंत्री को अद्यतन जानकारी देने के लिए प्रस्तुति दी। बैठक कुछ समय पहले शुरू हुई है। शाह के आगमन के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन के प्रारंभिक वक्तव्य के साथ इसकी शुरुआत हुई।
एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों में पुलिस, जेल, अदालतों, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा करना है। उन्होंने बताया कि शाह ने असम सीआईडी द्वारा तैयार और असम सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक न्यू क्रिमिनल लॉज़: स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स एंड रूल्स का विमोचन किया।
उन्होंने कहा कि सभी पक्षों द्वारा दी गई जानकारी के बाद उनके प्रस्तुतीकरण पर सामान्य चर्चा होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, अंत में शाह तीन कानूनों पर सभा को संबोधित करेंगे और बताएंगे कि इन्हें कैसे बेहतर ढंग से लागू किया जा सकता है। वह अपने सुझाव और प्रतिक्रिया देंगे।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और उनके समकक्ष मेघालय से कोनराड के. संगमा, नागालैंड से नेफ्यू रियो, अरुणाचल प्रदेश से पेमा खांडू, त्रिपुरा से माणिक साहा, मिजोरम से लालदुहोमा और सिक्किम से प्रेम सिंह तमांग अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में भाग ले रहे हैं। केंद्र की ओर से खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद हैं। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour