विमान टिकट रद्द कराने का शुल्क कम करने की संसद की समिति ने की सिफारिश
नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने विमान सेवा कंपनियों द्वारा विभिन्न मदों में भारी-भरकम शुल्क वसूलने पर लगाम लगाने सिफारिश की है तथा कहा है कि टिकट रद्द कराने का शुल्क किसी भी सूरत में मूल किराए के 50 प्रतिशत से ज्यादा न हो। उसने एयरलाइंस कर्मचारियों के दुर्व्यवहार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की भी अनुशंसा की है।
परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि टिकट रद्द कराने के लिए एयरलाइंस द्वारा वसूला जाने वाला शुल्क किसी भी स्थिति में मूल किराए के 50 प्रतिशत से अधिक न हो, ऐसा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। टिकट रद्द कराने पर कर तथा ईंधन शुल्क वापस किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान नियमों के अनुसार टिकट रद्द कराने पर लगने वाला अधिकतम शुल्क मूल किराया और ईंधन शुल्क के योग के बराबर हो सकता है। समिति ने दिव्यांग यात्रियों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के सुविधाजनक सीट आवंटित करने कि 'लो फेयर बकेट' में ज्यादा टिकट की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा सभी हवाई अड्डों पर ई-बोर्डिंग की व्यवस्था करने की भी वकालत की है। (वार्ता)