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Written By सुरेश एस डुग्गर
Last Modified: मंगलवार, 13 अक्टूबर 2020 (18:29 IST)

श्रीनगर में 10 महीनों में 8 भीषण मुठभेड़ें, 18 आतंकी ढेर

श्रीनगर में 10 महीनों में 8 भीषण मुठभेड़ें, 18 आतंकी ढेर - 8 horrific encounters, 18 terrorists killed in 10 months in Srinagar
जम्मू। श्रीनगर में इस साल अभी तक 8 भीषण मुठभेड़ें हो चुकी हैं। इनमें 18 दुर्दांत आतंकी मारे जा चुके हैं। खबर यह नहीं है कि श्रीनगर में कितनी मुठभेड़ें हुईं और कितने आतंकी मरे, बल्कि खबर यही है कि प्रत्येक मुठभेड़ और आतंकी की मौत के बाद कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर को आतंकी मुक्त घोषित किया है।
 
कल हुई 18वीं मुठभेड़ में भी लश्करे तोइबा के सरगना सैफुल्ला को मार गिराने के साथ ही कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर को आतंकी मुक्त घोषित कर दिया। यह 18वीं घोषणा थी जबकि इस घोषणा के साथ ही कश्मीर पुलिस ने इस सच्चाई को भी स्वीकार किया कि अभी मात्र 1 आतंकी श्रीनगर में सक्रिय है जिसे जल्द ही मार दिया जाएगा या फिर पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस इसे मानती है कि श्रीनगर आतंकियों के निशाने पर है। कारण स्पष्ट है। श्रीनगर में होने वाली किसी भी आतंकी वारदात, हमला, मौत के बाद आतंकी विश्व की सुर्खियों में स्थान पाने में हमेशा कामयाब होते हैं। और उनकी यही कोशिश होती है कि वे किसी तरह से सुर्खियों में रहें।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह भी इसे मानते हैं कि आतंकियों तथा आतंकी गुटों का जोर श्रीनगर में आतंक की लहर फैलाना है जिसे रोकने में सुरक्षाबल पूरी तरह से कामयाब रहे हैं। हालांकि वे इसे भी मानते थे कि कभी-कभार होने वाली मुठभेड़ श्रीनगर को हिलाकर रख देती है क्योंकि अंततः सुरक्षाबलों को उस घर को नेस्तनाबूद कर आतंकियों को ढेर करना पड़ता है जहां आतंकी शरण लिए होते हैं।
 
यह भी सच है कि कश्मीर पुलिस के सबसे अधिक सूत्र और गुप्तचर श्रीनगर जिले में ही सक्रिय हैं, क्योंकि वे किसी भी तरह से आतंकियों को प्रचार व सुर्खियों की ऑक्सीजन से दूर रखना चाहते हैं जो उन्हें श्रीनगर में हमला बोल या हत्या करने से मिलती है।
 
आंकड़ों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में इस साल अभी तक 80 से अधिक अभियानों में से 20 श्रीनगर में ही चलाए गए जिनमें से 18 में कामयाबी मिली थी और कुल 190 के करीब आतंकी पूरे प्रदेश में ढेर किए गए। इस कामयाबी को पाने के लिए सुरक्षाबलों को भी 55 सैनिकों को खोना पड़ा जिनमें से पुलिस के 19, केरिपुब के 21 तथा सेना के 15 जवान थे।
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