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Last Updated : गुरुवार, 25 नवंबर 2021 (16:36 IST)

Mumabi Attack-26/11: 13 साल पहले हुए सबसे खौफनाक अटैक में 60 घंटों के लिए कैद हो गई थी मुंबई, इतने लोगों की हुई थी मौत

Mumabi Attack-26/11: 13 साल पहले हुए सबसे खौफनाक अटैक में 60 घंटों के लिए कैद हो गई थी मुंबई, इतने लोगों की हुई थी मौत - 26/11 Mumbai Attack, Ajmal Amir Kasab, qasab, kasab, Mumbai
मुंबई हमले को आज 13 साल हो गए। इसे 26/11 के नाम से भी जाना जाता है। साल 2008 में हुए यह भारत के किसी शहर में हुए हमले में सबसे बडा अटैक था। करीब 60 घंटे तक पूरी मुंबई को बंधक बना लिया गया था। कई घायल हुए तो कई मारे गए। आइए जानते हैं, इस मुंबई अटैक के बारे में, आखि‍र क्‍या हुआ था उस दिन।

क्‍या है 26/11 की घटना?
आज ही के दिन यानी 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई को बम धमाकों और गोलीबारी से दहला दिया था। एक तरह से करीब 60 घंटे तक मुंबई बंधक बन चुकी थी। इस आतंकी हमले को आज 13 साल हो गए हैं, मगर यह भारत के इतिहास का वो काला दिन है, जिसे कोई भूल नहीं सकता।

कितने लोग मारे गए थे?
26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में करीब 160 लोगों की जान गई थी, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। तीन दिनों तक चले हमले के दौरान सुरक्षा बलों ने 9 आतंकियों को मार गिराया था और एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ा था, जिसे नवंबर 2012 में पुणे में फांसी दी गई थी।

कौन था 26/11 का मास्टरमाइंड?
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में गिरफ्तार कर लिया गया था। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जकीउर रहमान लखवी को आतंकियों की मदद और पैसे मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

मुंबई में यहां हुए थे हमलें
आतंक का यह खेल सिर्फ मुंबई के शिवाजी टर्मिनल तक सीमित न था। दक्षिणी मुंबई का लियोपोल्ड कैफे भी उन चंद जगहों में से एक था जो तीन दिन तक चले इस हमले के शुरुआती निशाने थे। यह मुंबई के नामचीन रेस्त्रांओं में से एक है, इसलिए वहां हुई गोलीबारी में मारे गए 10 लोगों में कई विदेशी भी शामिल थे, जबकि बहुत से घायल भी हुए। 1871 से मेहमानों की ख़ातिरदारी कर रहे लियोपोल्ड कैफे की दीवारों में धंसी गोलियां हमले के निशान छोड़ गईं।

ये हस्‍तियां थीं मौजूद
हमले के वक्त ताज में अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर यूरोपीय संघ की संसदीय समिति के कई सदस्य भी शामिल थे, हालांकि इनमें से किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। हमले के वक्‍त यूरोपीय संसद के ब्रिटिश सदस्य सज्जाद करीम ताज की लॉबी में थे तो जर्मन सांसद एरिका मान को अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर छिपना पड़ा। ओबेरॉय में मौजूद लोगों में भी कई जाने माने लोग थे। इनमें भारतीय सांसद एनएन कृष्णादास भी शामिल थे जो ब्रिटेन के जाने माने कारोबारी सर गुलाम नून के साथ डिनर कर रहे थे।
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