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Last Modified: बुधवार, 14 अगस्त 2019 (00:50 IST)

Weather Updates : बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 225 लोगों की मौत, 109 लोग लापता

Weather Updates : बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से 225 लोगों की मौत, 109 लोग लापता - 225 dead, 109 missing due to rain, floods and landslides
नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 225 हो गई है जबकि 109 अन्य लापता हैं। बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है। सेना विभिन्न एजेंसियों के साथ कंधे में कंधा मिलाकर राहत-बचाव कार्यों में मुस्तैदी से लगी हुई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान पूर्वी मध्यप्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, केरल और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। 
 
बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण अन्य राज्यों में भी कई लाख लोग प्रभावित हुए हैं। अधिकतर लोगों को राहत शिविरों में विस्थापितों की तरह दिन गुजारने पड़ रहे हैं। सेना समेत विभिन्न सुरक्षा एवं बचाव एजेंसियां राहत तथा बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
 
केरल-कर्नाटक में भारी नुकसान : केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण सबसे अधिक नुकसान हुआ है। केरल और कर्नाटक में भारी बारिश एवं बाढ़ के कारण हुए भूस्खलन की घटनाओं के बाद से 108 लोग लापता हैं।
 
केरल में अब तक 2, कर्नाटक में 50, गुजरात में 35, महाराष्ट्र में 30, उत्तराखंड में 8 तथा हिमाचल प्रदेश में 2 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बीच बिजली गिरने से कम से कम 8 लोगों की मौत हो गई।
 
केरल में जहां 58 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है जबकि कर्नाटक में 50 लोग लापता हैं। केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा गुजरात में स्थिति गंभीर बनी हुई है। इन राज्यों के कुछ इलाकों में जलस्तर तेजी से घटने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है।
 
केरल में 8 अगस्त से राज्य में हो रही वर्षा की वजह से बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 86 तक पहुंच गई है जबकि 61 लोग लापता हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार विभिन्न जिलों के 68,098 परिवारों के 2 लाख 24 हजार 506 लोग अभी भी 1,243 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं जबकि कई स्थानों पर पानी कम होने से बड़ी संख्या में लोग अपने घर भी लौट चुके हैं।
 
सबसे अधिक 29 लोगों की मृत्यु मलापुरम और 17 की मौत कोझीकोड में हुई है। वायनाड में 12 और कन्नूर में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। अलपूझा, कोट्टायम व कसारगोड जिलों में 2-2, इडुक्की में 5 और त्रिशूर में 8 लोगों की मृत्यु हो गई है। लापता 61 लोगों में 53 मलापुरम, 7 वायनाड और 1 कोट्टायम जिले का है। सूत्रों ने बताया कि वर्षा और बाढ़ से 1,057 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं जबकि 11,142 मकानों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है।
भारतीय वायुसेना का बचाव अभियान : कर्नाटक में बाढ़ के पानी में फंसे 500 लोगों को भारतीय वायुसेना ने बचाने में सफलता हासिल की है। इस प्राकृतिक आपदा में 50 लोग मारे गए हैं और लाखों लोग बेघर हो गए हैं। एयर मार्शल एसके घोतिया ने बताया कि भारतीय वायुसेना के पायलट दुर्गम स्थितियों के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित हैं और अभी तक चलाया गया राहत एवं बचाव अभियान सुचारु तरीके से पूरा किया गया है।
 
40 हजार मकान हुए ध्वस्त : बाढ़ की चपेट में 25 विदेशी पर्यटकों समेत सोमवार को 365 लोग में आ गए थे और 200 अन्य लोगों को मंगलवार को हम्पी से बचाया गया है। पिछले सप्ताह से राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ से 1,000 से अधिक गांव प्रभावित हैं तथा 40,000 मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं।
विपरीत हालातों में भी डटे हुए हैं जवान : राहत अभियानों में इस समय काफी दिक्कतें आ रही हैं लेकिन वायुसेना के पायलट इन हालात के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित हैं। सोमवार को एनडीआरएफ के एक अधिकारी की नौका बचाव अभियान के दौरान पलट गई थी लेकिन वायुसेना की टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उस अधिकारी को बचा लिया। इस बचाव अभियान में वायुसेना के 5 हेलीकॉप्टर और कम से कम 70 कर्मचारी लगे हुए हैं।
 
उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीमें नहीं पहुंच सकती हैं, वहां वायुसेना के बचाव दलों को लगाया गया है और अगले कुछ दिनों में इन्हें सतर्क रहने को कहा गया है। एयर मार्शल ने बताया कि भारतीय वायुसेना रात के समय में भी बचाव अभियान चलाने में सक्षम है लेकिन अभी तक राज्य में इस तरह के किसी अभियान को नहीं चलाया गया है।
सरकार ने शुरू किया पुनर्वास कार्यक्रम : कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित अधिकतर क्षेत्रों में स्थिति में सुधार हुआ है और इस बीच सरकार ने राज्य में इस आपदा से प्रभावित 6 लाख से अधिक लोगों के लिए बड़े स्तर पर पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किए हैं। इस बीच राज्य में कृष्णा एवं कावेरी बेसिनों में बाढ़ के पानी के स्तर में भी कमी आई है। बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के साथ ही 1,200 राहत केंद्रों से लोगों ने धीरे-धीरे अपने घर लौटना शुरू कर दिया है। 
 
कोप्पल, कलाबुर्गी और रायचूर जिलों में कृष्णा, तुंगभद्रा और भीमा नदियों में बाढ़ के जल के स्तर में कमी आई है। सबसे अधिक प्रभावित कोडागु, मैसूरु, हसन और चिकमंगलुरु जिलों में भी स्थिति सामान्य हो रही है। इन जिलों के कई क्षेत्रों में हुए भूस्खलन में हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
 
इस बीच रायचूर में बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है और नारायणपुर जलाशय से 5.88 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। अलमाटी जलाशय से 5.7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कलाबुर्गी जिले में भीमा नदी स्थिति नियंत्रण में और यहां से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा घटकर 86,000 क्यूसेक रह गई है। राज्य के अधिकतर हिस्सों में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने से पिछले कई दिनों से लगातार काम में जुटे प्रशासन के लोग और बचाव दल को कुछ राहत मिली है और अब मुख्य रूप से पुनर्वास कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है।
 
महाराष्ट्र में स्थिति सामान्य : महाराष्ट्र के कोल्हापुर में 1 सप्ताह तक बाढ़ का कहर जारी रहने के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। पंचगंगा नदी का पानी उतर रहा है और राधानगरी बांध से पानी नहीं छोड़ा जा रहा है लेकिन बचाव कार्य अभी भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। कोल्हापुर में बारिश रुक गई है और सोमवार रात से राधानगरी बांध का पानी छोड़े जाने वाले सभी दरवाजे बंद कर दिए गए। मंगलवार को शाम राजाराम बांध में पानी का स्तर घटकर 44.9 फुट रह गया।
 
कोल्हापुर शहर में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति अभी भी खराब है। मृत जानवर जगह-जगह पड़े हुए हैं। लोगों के घरों में जमा कीचड़ निकालने की सबसे बड़ी समस्या है। लगभग 100 लोगों के दल ने इस काम में मदद करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। शहर में मंगलवार को दुकानें और व्यावसायिक संस्थान खुल गए और पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल की बिक्री का काम शुरू हो गया।
 
जिलाधिकारी दौलत देसाई ने कोल्हापुर में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि 321 गांवों के 81,000 परिवारों के 3,36,297 लोगों को सुरक्षित शिविर में भेजा गया। इन शिविरों में खाना, पेयजल और डॉक्टर भी उपलब्ध हैं।
गुजरात  की स्थिति : गुजरात में बाढ़ एवं बाढ़जनित घटनाओं में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें अधिकतर मौतें बारिश के कारण मकानों एवं इमारतों के धराशायी होने या फिर इमारतों के गिरने के कारण उनके मलबों में दबकर हुई हैं। मध्यवर्ती आणंद जिले के खंभात शहर में सोमवार देर रात एक तिमंजिली इमारत धराशायी हो गई। राज्य में बरसात के इस मौसम में मकान और दीवार गिरने की घटनाओं में अब तक कम से कम 26 लोगों की मौत हुई है।
 
पुलिस ने बताया कि झंडा चौक इलाके में स्थित इस भवन में पहले एक सरकारी बैंक हुआ करता था। अब इसमें कोई नहीं रहता। मकान और दीवार आदि गिरने से अब तक वडोदरा में 4, अहमदाबाद में 7, मोरबी में 8, भरूच में 3 और खेडा जिले में 4 लोगों की मौत हो चुकी है। ये घटनाएं उन्हीं इलाकों में हुई हैं, जहां हाल में भारी वर्षा हुई है।
 
इन राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी : मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान पूर्वी मध्यप्रदेश, विदर्भ, ओडिशा, केरल और छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर तेज से बहुत तेज और कही-कहीं अतिवृष्टि होने का अनुमान जताया है।
 
पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्यप्रदेश, तेलंगाना और तटीय कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों तेज से बहुत तेज बारिश हो सकती है जबकि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब, उत्तरप्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, असम, मेघालय, मध्यप्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा होने के आसार हैं। पश्चिम बंगाल के पर्वतीय इलाके, सिक्किम, असम, मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में गरज के साथ छींटे पड़ने का अनुमान है।
 
समुद्र में न जाने की चेतावनी : उत्तर बंगाल की खाड़ी और दक्षिण-पश्चिम, पूर्व मध्य तथा पश्चिम-मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप इलाके में 45-55 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से हवा चल सकती है। गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, दक्षिण तमिलनाडु तटीय कोमोरिन क्षेत्र में खराब मौसम रहने का अनुमान है इसलिए मछुआरों को अगले 24 घंटों के दौरान समुद्र में नहीं जाने की चेतावनी जारी गई है।
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