यह प्रोजेक्ट 1 अक्टूबर 2020 को इस कंपनी को दिया गया था। 29 किमी लंबाई की इस टनल का निर्माण कार्य बेहद दुर्गम परिस्थितियों में किया जा रहा है, क्योंकि इस वक्त कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी हो रही है। इस प्रोजेक्ट में दो सुरंगें हैं। टनल टी-1 में दो ट्यूब हैं। 472 मीटर लंबाई वाली ट्यूब-2 को सोमवार की दोपहर में पूरा किया गया। इसकी एक ट्यूब दिवाली के दिन पूरी हो गई थी।
15 मिनट में तय होगा 3 घंटे का सफर : करगिल के जोजिला दर्रे को दुनिया का सबसे खतरनाक दर्रा माना जाता है। टनल के बनने से एक तो इसे पार करने का जोखिम कम होगा और जो दूरी को तय करने में तीन घंटे लगते थे वो महज 15 मिनट में पूरी हो जाएगी। जोजिला सुरंग, श्रीनगर, करगिल और लेह को आपस में जोड़ने में मददगार होगी।
चीन और पाक सीमा पर जवानों की तैनाती में मदद : सुरंग से सेना को न सिर्फ चीन सीमा बल्कि पाकिस्तान की सीमा पर भी जवानों की तैनाती में मदद मिलेगी।
जोजिला टनल के निर्माण के लिए सेना और सिविल इंजीनियरों की एक टीम ने पहाड़ को काट कर इस सुरंग बनाएगी। इस सुरंग के बन जाने से से श्रीनगर और लेह के बीच पूरे वर्ष भर संपर्क सुविधा मिलेगी।
सुरंग बनाने की प्रक्रिया में विस्फोटकों के जरिए पत्थरों को हटाकर पहले रास्ता बनाया जाता है। सुरंग निर्माण अपने आप में इंजीनियरिंग विधा की नायाब कृति है।

जोजिला सुरंग परियोजना से करगिल, द्रास और लद्दाख क्षेत्र के लोगों की तीन दशक पुरानी मांग पूरी होगी। श्रीनगर-लेह खंड में यात्रा हिमस्खलन का खतरा नहीं होगा। यात्रा में लगने वाले समय में कमी आएगी। ठंड के दिनों में हिमपात की वजह से जोजिला दर्रा बंद रहता है। यह दुनिया में वाहनों के परिचालन के लिहाज से सवार्धिक खतरनाक मार्गों में से एक है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद भारत की न केवल आर्थिक क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि सामरिक क्षमता में भी वृद्धि होगी।
निर्माण कंपनी ने मई 2021 में एक्सेस रोड के निर्माण के बाद परियोजना का काम शुरू किया था। दरअसल हिमालय के माध्यम से सुरंग बनाना हमेशा कठिन काम होता है, लेकिन प्रोजेक्ट ने तय समय सीमा के अंदर सुरक्षा, गुणवत्ता और तेज गति से दोनों सुरंगों का काम किया है। अब 2 किलोमीटर की लंबाई वाली ट्विन ट्यूब का काम जोरों पर है। यह अप्रैल 2022 में पूरा होने वाला है। 14.5 किलोमीटर लंबी जोजिला मेन टनल का काम भी रफ्तार से चल रहा है।
कब तक पूरा होगा प्रोजेक्ट : जोजिला टनल का प्रोजेक्ट 2026 तक पूरा होना है। लेकिन सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी यह प्रोजेक्ट 2023 में पूरा करना चाहते हैं। सितंबर में जोजिला टनल का काम देखने पहुंचे गडकरी ने कहा था कि हम चाहते हैं कि काम 2023 में काम पूरा हो, क्योंकि 2024 के चुनाव में हमें बताने के लिए कुछ होना चाहिए।
करगिल जिले के द्रास और सोनमर्ग के बीच प्रस्तावित जोजिला टनल के निर्माण के लिए 15 अक्तूबर 2020 को ब्लास्ट किया गया था। करीब 11578 फीट की ऊंचाई पर बनने वाली ये टनल बेहद आधुनिक होगी। इस टनल की लंबाई 14.15 किलोमीटर होगी।
अटलजी का सपना : करगिल में बनने वाली जोजिला टनल हर लिहाज से दुनिया के सबसे आधुनिक सुरंगों में से एक होगी। अटल टनल की तरह ही जोजिला सुंरग बनाने का सपना पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देखा था जिसे अब मोदी सरकार पूरा करने जा रही है।