Last Updated :नई दिल्ली , बुधवार, 17 अगस्त 2011 (00:02 IST)
सरकार ने किया पुलिस कार्रवाई का बचाव
गांधीवादी अण्णा हजारे को हिरासत में लिए जाने का पुरजोर तरीके से बचाव करते हुए सरकार ने कहा कि यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस के इस निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद की गई कि वह और उनके समर्थक निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का ‘संज्ञेय अपराध’ करने वाले हैं।
गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि हजारे को हिरासत में लिए जाने के बाद सिविल लाइंस स्थित पुलिस ऑफिसर्स मेस ले जाया गया। उन्हें बाद में मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने सुबह अण्णा हजारे से मुलाकात की। हजारे ने पुलिस के समक्ष निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का इरादा जाहिर किया। उस समय पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वह संज्ञेय अपराध कर सकते हैं। पुलिस ने आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 107 और 151 के तहत उन्हें एहतियातन हिरासत में लिया।
चिदंबरम उनसे संवाददाताओं द्वारा इस बारे में पूछे गए कई सवालों का जवाब दे रहे थे कि दिल्ली पुलिस ने हज़ारे और उनके समर्थकों को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने से पहले ही क्यों हिरासत में ले लिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में 1,200 से 1,300 लोगों को हिरासत में लिया गया है। हजारे पक्ष के छह मुख्य सदस्य भी हिरासत में हैं। उन्होंने कहा कि अगर हजारे और उनके साथी अनशन की अनुमति के लिए दिल्ली पुलिस की लगाई शर्तों से खुश नहीं थे तो वे इसे अदालत में चुनौती दे सकते थे।
चिदंबरम ने कहा कि वे अब भी अदालत में जाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि यह इस देश के लोगों को तय करना है कि कानून संसद में बनेंगे या सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक समूह मैदान में कानून बनायेगा। (भाषा)