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जंगलों पर इंसानी दखल और बाघों की बढ़ती आबादी से शहरों में आने को मजबूर हुए टाइगर
गुरुवार,जून 8, 2023
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इसी पोहे पर सेंव वालों, नुक्ती वालों, प्याज वालों, नींबू वालों और जीरावन वालों की लाइफ लाइन जुड़ी हुई है। एक पोहा ही वो इंजन है जो इन सबके जीवन के डिब्बों को आगे खींचता है। इसलिए इंदौर में पोहे का मतलब सिर्फ स्वाद ही नहीं, किसी का पेट भी है। ...
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विश्व के बड़े-बड़े विकसित देश और उनका विकसित समाज जहां प्रकृति के हर संताप से दूर इसके प्रति घोर संवेदनहीन होकर मानव जनित वो तमाम सुविधाएं उठाते हुए स्वार्थी और उपभोगी होकर जीवन बिता रहा है जो पर्यावरण के लिए घातक साबित हो रहे हैं। वहीं विकासशील देश ...
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बेशक बालासोर रेल दुर्घटना देश क्या दुनिया के भीषणतम हादसों में एक है। इतना ही नहीं और याद भी नहीं कि देश में कभी एक साथ तीन रेलें इस तरह टकराई हों? हमेशा की तरह सच्चाई ये कि यह दुर्घटना स्टेशन पहुंचने से थोड़ा पहले हुई।
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धरती-मां है हमारी! पर हममें से कितने हैं जो वाकई इस धरती के पर्यावरण के प्रति जागरुक हैं? उनके लिए न सिर्फ़ सोचते हैं बल्कि उस सोच को क्रिया में बदलते भी हैं। ऐसे लोगों की संख्या उंगलियों पर गिनी जा सकती है। बाकी तो पूरी भीड़ है ही-जो अच्छी तरह पैरों ...
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सभी प्राणियों के लिए जल अति आवश्यक है। प्रत्येक प्राणी को जीवित रहने के लिए जल चाहिए। नि:संदेह जल ही जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है। जल के पश्चात मनुष्य को जीवित रहने के भोजन चाहिए। भोजन के लिए अन्न, फल एवं सब्जियां उगाने के लिए भी ...
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Odisha trains accident: ओडिशा के बालासोर में रेल एक्सीडेंट के बाद मौत का भयावह मंजर देखकर हर कोई सिहर उठा है। चीख पुकार, घायल और एंबुलेंस में ले जाते शवों के सिलसिले के बीच आम और स्थानीय लोगों के हजारों हाथ मदद के लिए आगे आ गए हैं।
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इतिहास गवाह है, आदमी को ठोंक-पीट कर आदमी बनाने की घटना कबीर के काल में, कबीर के ही हाथों हुई। कबीर ने समाज की दुखती रग को पहचान लिया था। वे जान गए थे कि हमारे सारे उत्तर पुराने हो गए हैं। नई समस्याएं नए समाधान चाहती हैं। नए प्रश्न, नए उत्तर चाहते ...
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हम कैसे समय में जी रहे हैं? जहां संवेदनाएं पहले ही मृत हैं। एक युवा बच्ची की खुलेआम हत्या हो जाती है और आसपास के लोग भय से मदद के लिए आगे नहीं आते। एक ओर लोग इतने हिंसक हो रहे दूसरी ओर कायर, आखिर क्यों?? हमारा समाज निरंतर नैतिक पतन की राह पर है, इस ...
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पुराने संसद भवन को उपयुक्त एवं नए संसद भवन की आवश्यकता को नकारने वाले नेता भी जानते हैं कि आजादी के 7 वर्ष बाद ही 1956 में इसमें और मंजिले जोड़नी पड़ीं। 1975 में एनेक्सी का निर्माण हुआ तो 2002 में अपग्रेडेशन के साथ संसदीय पुस्तकालय भवन का जिसमें ...
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दरअसल कोई भी बिजनेस चाहे वह किसी प्राइवेट फर्म्स से संचालिता हो या फिर किसी गवर्नमेंट एजेंसी से संचालित हो, हर ऑर्गेनाइजेशन को अपने बिजनेस में डेवलपमेंट चाहिए होता है। जब भी कोई बिजनेस डेवलप होगा तो स्वाभाविक तौर पर उससे जुड़े लोगों और संस्थाओं को भी ...
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सवाल यह है कि जिस देश में बेटी बचाने का सबसे ज्यादा ढिंढोरा पीटा जाता है, उसी देश की साक्षी मलिक, विनेश फोगाट जैसी तमाम बेटियों को न्याय के लिए सड़कों पर पुलिस की बर्बरता का शिकार होना पड़ रहा है, वो भी उन बेटियों को जिन्होंने सिर्फ इसलिए अपना ...
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भारतीय राजनीति में सबका साथ सबका विकास का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की राजनीति में अपनी विशेष पहचान बनाने में सफल रहे हैं। पार्टी की मजबूती की बात करें, तो नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर खड़ा करने में अद्भुत ...
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कभी एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया चलता है, तो वह नीचे तक पहुंचते-पहुंचते मात्र 15 पैसे ही रह जाता है। स्व. राजीव गांधी का यह बयान भारत की साख पर एक घिनौना धब्बा बनकर दशकों तक चिपका रहा और भ्रष्टाचार का मुहावरा बन गया था। लेकिन ...
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मोदी जी ने भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुषों की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए पार्टी का विस्तार किया तथा इसका जनाधार बढ़ाया। भारतीय जनता पार्टी आज देश में प्रथम स्थान की पार्टी है। साथ ही यह विश्व में सबसे अधिक सदस्यता वाली राजनीतिक पार्टी के रूप में ...
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यूं तो हम नकार भी नहीं सकते कि शिक्षित, दृढ़ विश्वासी, कर्मठ, जुझारू, विवेकशाली, संवेदनशील, निडर महिलाओं ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपनी अलग ख्याति प्राप्त की है। परन्तु उनकी अपनी व्यक्ति, स्त्री और पत्रकार के रूप में बड़ी चुनौतियां भी रही है। ...
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हालात अपने आप नहीं बदलते हैं। हालात बदलने के लिए खयालात में बदलाव बहुत जरूरी है। दुनिया के सारे बदलाव अपने आप नहीं आते हैं। जैसे जैसे खयालात बदलते गए हालत भी बदल गए। आज जिस तेजी से हालात बदलते जा रहे हैं उस तेजी से लोगों के खयालात नहीं बदल रहे हैं। ...
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अमेरिका ने फिर अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी वार्षिक रिपोर्ट में भारत को अल्पसंख्यक विरोधी देश साबित करने की कोशिश की है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कार्यालय के विशेष राजदूत राशद हुसैन ने कहा कि रिपोर्ट विश्व भर के लगभग 200 देशों और ...
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dressing sense of indian politician : भारतीय राजनीति में महात्मा गांधी को अधनंगा फकीर कहा जाता था, जबकि लालबहादुर शास्त्री ने कपड़ों के मामले में सादगी की मिसालें पेश की थीं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक ही रंग भगवा में नजर आते हैं। ...
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मंगल ग्रहों में सेनापति हैं। मंगल ग्रह देवता शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम के स्वामी हैं। मंगल ग्रह देवता का मुख्य तत्व अग्नि तत्व है और इसका मुख्य रंग लाल है। नेतृत्व करने के लिए इन सभी गुण नेता बनने के इच्छुक व्यक्ति में होना जरूरी है। अगर ...
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rahul gandhi: एक लंबी चलने वाली लड़ाई के पहले दौर को अकेले आदमी ने आज जीतकर दिखा दिया है! क्या आप अब भी इस तिरपन साल के ‘नौजवान’ को कोई बधाई या शाबाशी नहीं देना चाहेंगे? उसकी हिम्मत की दाद नहीं देंगे? उसकी तरफ़ एक बार भी जी भरकर नहीं देखेंगे? उसकी ...
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गुजरात, उत्तराखंड और त्रिपुरा में मुख्यमंत्री बदलने के बाद परिणाम भाजपा के पक्ष में आए जबकि कर्नाटक में ऐसा नहीं हुआ। निश्चय ही यह विचार करने का विषय है कि आखिर कर्नाटक में भाजपा सत्ता से बाहर क्यों हो गई? कर्नाटक में कांग्रेस का नेतृत्व वही है जो ...
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दरअसल भारत के स्वतंत्र होने के पश्चात, सन 1950 में भाषावार प्रान्तों के गठन के दौरान अपने जन्म से ही मध्य प्रदेश, विषमरूपी एकत्रीकरण/ हेटेरोजीनस असेम्बलेज से बना प्रदेश है।
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आज भी भारत में ऐसे अनेक संग्रहालय हैं जिनका दौरा किये बिना भारत की सांस्कृतिक इतिहास या संस्कृति की जानकारी अधूरी ही रहती है।सरकारों द्वारा इन संग्रहालयों का निर्माण और संचालन किया जा रहा है।
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जीवन को शांति और समाधान देने वाले बुनियादी साधन ही मनुष्य समाज की सबसे बड़ी चुनौती या समस्या बन जाए तो आज का मनुष्य क्या करें? यह आज के काल का यक्षप्रश्न है जिसका उत्तर जो भी मनुष्य आज जीवित है, उन्हें ही खोजना होगा। दुनियाभर में राजनीति और धर्म का ...
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रिजल्ट्स का मौसम आया। जैसे मरने जीने का प्रश्न हो गया। सब कुछ शुरू या खत्म। जबकि जिंदगी में 'विकल्प' हमेशा हाजिर होते हैं बस हम उन्हें नजर अंदाज करते रहते हैं।पूरी गलती हमारी है। हमारे बड़े सपने हम बच्चों की आंखों में ठूंसे जाते हैं। उन्हें दूसरे ...
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पाकिस्तान के इतिहास में राजनीतिक पार्टियों को व्यवस्था में पूरी तरह से हावी न होने देने को लेकर सेना सतर्क रही है। यही कारण है कि कोई भी सरकार मुश्किल से ही अपना कार्यकाल पूरा कर पाती है। चुनी हुई सरकार को सत्ता से हटाने के लिए सेना विपक्षी दलों का ...
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Indore Crime: मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इंदौर में कमिश्नरी सिस्टम इसलिए लागू किया गया था ताकि इंदौर में बढ़ते क्राइम के ग्राफ पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन कमिश्नरी लागू होने के बाद भी इंदौर में लगातार अपराध की (Crime) सनसनीखेज घटनाएं सामने आ रही हैं। ...
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं और 12वीं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा से लेकर परिणाम तक की पूरी प्रक्रिया को अगर अनेक शिक्षाविद और विश्लेषक उदाहरण के रूप में पेश कर रहे हैं तो यह बिल्कुल स्वाभाविक है। उत्तर प्रदेश में कोई परीक्षा और ...
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एक स्वस्थ, टिकाऊ और विकसित लोकतंत्र वही होता है, जिसमें विविधता के लिए भरपूर जगह होती है, लेकिन विरोधाभास नहीं होते। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भविष्योन्मुखी दृष्टि वाले नेतृत्व में विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत धीरे-धीरे इसी ...
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महाराष्ट्र के उल्हासनगर नगर में बड़े भाई ने पीट-पीटकर छोटी बहन की हत्या कर दी। 12 साल की नाबालिग बहन का दोष यह था कि उसे पहली बार पीरियड्स आए थे, इस वजह से उसके कपड़ों में खून नजर आ रहा था। भाई ने जब इस बारे में उससे पूछा तो वो ठीक से जवाब नहीं दे ...
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कैफी की कलम का करिश्मा ही था कि वे ‘जाने क्या ढूंढती रहती हैं ये आंखें मुझमें’, जैसी कलात्मक रचना के साथ सहज मजाकिया ‘परमिट, परमिट, परमिट....परमिट के लिए मरमिट’ लिखकर संगीत रसिकों को गुदगुदा गए।
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कर्नाटक के परिणामों की नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के अलावा जो एक तीसरा व्यक्ति सबसे ज़्यादा प्रतीक्षा कर रहा होगा, उसका नाम सुधीर मिश्रा हो सकता है। इस व्यक्ति को अपनी फ़िल्म 'अफ़वाह' (Afvah) की सफलता/असफलता से ...
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