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Written By WD Feature Desk

क्या बच्चे में पंजों पर चलने की आदत का न्यूरोलॉजिकल समस्या से है संबंध, किन बातों पर ध्यान देना है ज़रूरी

क्या बच्चे में पंजों पर चलने की आदत का न्यूरोलॉजिकल समस्या से है संबंध, किन बातों पर ध्यान देना है ज़रूरी - What neurological disorders cause toe walking
Toe Walking

Is toe walking an indicator of autism: क्या आपके बच्चे में पंजों पर चलने की आदत है? यह सामान्य हो सकता है, लेकिन लंबे समय तक जारी रहने पर यह न्यूरोलॉजिकल समस्या का संकेत हो सकता है। आइये जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज के विकल्प।

बच्चे का पंजों पर चलना: सामान्य या चिंता का विषय?
कई माता-पिता अपने बच्चों को पंजों पर चलते हुए देखकर चिंतित हो जाते हैं। छोटे बच्चे अक्सर ऐसा करते हैं, लेकिन यदि यह आदत लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किसी न्यूरोलॉजिकल समस्या का संकेत हो सकती है। इस लेख में हम जानेंगे कि क्या यह आदत गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है।

टो वॉकिंग क्या है? (What is Toe Walking in Hindi)
टो वॉकिंग का मतलब है कि बच्चा अपने पूरे पैर की बजाय केवल पंजों पर चलता है। यह छोटे बच्चों में सामान्य हो सकता है, लेकिन यदि यह आदत समय के साथ नहीं जाती, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

पंजों पर चलने के सामान्य कारण (Common Causes of Toe Walking)
विकास प्रक्रिया का हिस्सा: कई बच्चे चलना सीखते समय शुरुआत में पंजों पर चलते हैं।
आदत: कुछ बच्चों की यह आदत बन जाती है और वे बिना किसी कारण के ऐसा करते हैं।

न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जो टो वॉकिंग से जुड़ी हो सकती हैं
सेरेब्रल पाल्सी (Cerebral Palsy): यह एक न्यूरोलॉजिकल विकार है जो मांसपेशियों के नियंत्रण को प्रभावित करता है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy): इसमें मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे बच्चा पंजों पर चलने लगता है।
ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (ASD): ऑटिज्म से प्रभावित बच्चे अक्सर इस तरह चलते हैं।
पेरिफेरल न्यूरोपैथी: इसमें नर्वस सिस्टम की समस्याएं चलने के तरीके को प्रभावित कर सकती हैं।

कब डॉक्टर से संपर्क करें?
  • यदि बच्चा तीन साल की उम्र के बाद भी पंजों पर ही चलता है।
  • चलते समय संतुलन बनाने में कठिनाई महसूस करता है।
  • अन्य शारीरिक या मानसिक विकास में देरी दिखाता है।
 
पंजों पर चलने का इलाज (Treatment of Toe Walking)
डॉक्टर्स के अनुसार अलग-अलग उपचार की सलाह दी जाती हैं:

फिजिकल थेरेपी: मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए एक्सरसाइज।
ऑर्थोटिक उपकरण: स्पेशल जूते या ब्रेसेस पहनाए जाते हैं।
दवाएं और सर्जरी: गंभीर मामलों में दवाओं या सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

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सही समय पर इलाज क्यों है जरूरी?
यदि समस्या का सही समय पर इलाज नहीं किया गया, तो यह बच्चे की चाल और विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। जल्दी निदान और उपचार बच्चे के चलने की आदत को सुधार सकता है और उसकी मांसपेशियों को मजबूत बना सकता है।

पंजों पर चलना हमेशा गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता, लेकिन यदि यह आदत लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। सही समय पर उपचार से बच्चे का भविष्य बेहतर बनाया जा सकता है।
 

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