चुनावी साल में योगी की राह पर शिवराज, MP में होगा मदरसों का रिव्यू, कांग्रेस ने बताया ध्रुवीकरण की सियासत
भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले अब शिवराज सरकार योगी मॉडल पर आगे बढ़ती दिख रही है। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब मध्यप्रदेश में मदरसों की जांच की जाएगी। बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में अवैध मदरसे, संस्थान; जहाँ कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है, उसका रिव्यू किया जायेगा। कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
इसके साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने आगामी दिनों में त्योहारों को देखते हुए प्रतिबंधित संगठनों जेएमबी और पीएफआई की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
सरकार के मदरसों के रिव्यू करने के फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि यह सरकार का बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है और वह निर्णय का स्वागत करते है। उन्होंने कहा कि मदरसे के नाम पर क्या हो रहा है, मदरसों के अंदर पढ़ाई के नाम पर कौन सी शिक्षा दी जा रही है, इन सारी सारी चीजों को देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छात्रावासों का रिव्यू होता है तो मदरसों का रिव्यू क्यों नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस ने उठाए सवाल?-वहीं चुनाव साल में शिवराज सरकार के मदरसों की रिव्यू के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि भाजपा ऐसे फैसलों से चुनाव में हिंदू मुस्लिम को मुद्दा बनाना चाहती है और लोगों को हिंदू मुस्लिम में उलझना चाहती है।
कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने कहा भाजपा सरकार चुनाव में जनता से जुड़े विषय़ों से ध्यान हटाने के लिए ऐसे फैसलों से ध्रुवीकरण की सियासत कर रही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि मदरसा बोर्ड सरकार के अधीन काम कर रहा है फिर सरकार को चुनाव के समय मदरसों को रिव्यू की जरूरत क्यों पड़ रही है।