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Last Updated : शनिवार, 14 दिसंबर 2024 (10:02 IST)

ED के दबाव में आत्महत्या करने वाले मनोज परमार के बच्चों से मिलने आष्टा आ सकते हैं राहुल गांधी, क्या है पूरा मामला?

ED के दबाव में आत्महत्या करने वाले मनोज परमार के बच्चों से मिलने आष्टा आ सकते हैं राहुल गांधी, क्या है पूरा मामला? - Parents of children who gave piggy bank to Rahul Gandhi commit suicide under pressure from ED
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान खरगौन के सनावद में उनको गुल्लक देने वाले बच्चों के पिता मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा परमार के ईडी के दबाव में सुसाइड करने का मुद्दा अब तूल पकड़ लिया है। कांग्रेस राहुल गांधी को सीहोर बुलाकर इस पूरे मुद्दें पर भाजपा को घेरने की बड़ी तैयारी में जुटी गई है। परमार दंपत्ति के आत्महत्या के बाद शुक्रवार को उनके घर पहुंचे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने फोन पर परमार दंपत्ति के बच्चों से राहुल गांधी की बात कराई। जिसमें राहुल ने बच्चों को हर सहायता देने की बात कही।

सुसाइड नोट में ईडी पर गंभीर आरोप-अपनी पत्नी के साथ आत्महत्या करने वाले मनोज परमार ने अपने 6 पेज के सुसाइड नोट में ईडी और उसके अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए है। सुसाइड नोट में मनोज ने ईडी से प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने की बात लिखी है। मनोज ने अपने सुसाइड नोट में राहुल गांधी को संबोधित करते हुए लिखा मेरा कांग्रेस के नेताओं, खासकर राहुल गांधी से निवेदन है कि कांग्रेस का प्रचार करने के कारण ईडी परेशान कर रही है, मुझे आत्महत्या करनी पड़ रही है। इन बच्चों की जिम्मेदारी अब आप पर है।

मनोज परमार ने ईडी के अधिकारियों पर छापे की कार्रवाई के दौरान उनको बेइज्जत करने वाले बच्चों को भाजपा में शामिल कराने का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। वहीं मनोज परमार ने सुसाइड नोट में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, गृह मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के साथ राहुल गांधी और मीडिया संगठनों को संबोधित करते हुए लिखा है कि छापे की कार्रवाई के दौरान ईडी अधिकारी कह रहे थे अपने बच्चों को भाजपा ज्वाइन करा दो, उनसे राहुल गांधी के विरुद्ध वीडियो डलवाओ तो बच जाओगे।

क्यों मारा था ईडी ने छापा?- सीहोर के आष्टा निवासी मनोज  परमार कांग्रेस नेता और कारोबारी थे। विगत पांच दिसंबर को ईडी ने बैंक से लिए गए लोन के पुराने मामले में उनके घर-दफ्तर पर छापा मारा था। दरअसल मनोज परमार ने वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम व मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के तहत सर्विस सेंटर, रेडिमेड कपड़े की फैक्टरी लगाने के नाम पर बैंक से छह करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण लिया था। आरोप है कि मनोज ने छह महीने के भीतर 18 ऋण लिए। इनमें फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया गया था। इस मामले में सीबीआइ भी जांच कर चुकी है। इस केस में मनोज की गिरफ्तारी भी हुई थी।

कांग्रेस मनोज परमार सुसाइड केस को बनाएगी मुद्दा-कांग्रेस नेता मनोज परमार के तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी जिया ,बेटा जतिन और यश (। बड़े बेटे जतिन परमार ने कहा कि ईडी अधिकारियों ने मानसिक रूप से दबाव बनाया था। इस कारण माता-पिता ने आत्महत्या कर ली। वहीं मनोज परमार और उनकी पत्नी द्वारा खुदकुशी किए जाने के मामले को कांग्रेस मुद्दा बनाएगी। पार्टी सड़क से लेकर विधानसभा तक में इस मुद्दे पर ईडी और भाजपा सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस का आरोप है कि परमार को बिना कारण ईडी द्वारा परेशान किया जा रहा था, क्योंकि मनोज के बच्चों ने राहुल गांधी को भारत जोड़ो यात्रा के समय गुल्लक भेंट की थी।

घटना के बाद मनोज परमार के परिजनों से मिलने आष्टा पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह सरकारी हत्या है। नौ साल पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया और अब ईडी आ गई। मृतक के बच्चों ने बताया है कि ईडी डिप्टी डायरेक्टर संजीत कुमार साहू ने उन्हें बार-बार यातना दी। मनोज परमार पर भाजपा ज्वाइन करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, इसलिए उन्होंने आत्महत्या की।

भाजपा का कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार-  वहीं दूसरी ओर भाजपा ने कांग्रेस के सभी आरोपों  को खारिज कर दिया है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री व विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीड़ित परिवार के भोले-भाले बच्चे को पहले अलग ले जाकर बरगलाया, फिर उससे प्रश्नोत्तर की शैली में भाजपा पर तथ्यहीन, सत्यहीन, अनर्गल आरोप लगवाए, यह कांग्रेस द्वारा जारी वीडियो में स्पष्ट दिखाई देता है। जीतू पटवारी का यह कृत्य स्वयं के नकारा नेतृत्व को छिपाने और सुर्खियां बटोरने के प्रयास के अलावा कुछ भी नहीं है।

भगवानदास सबनानी ने कहा कि मध्यप्रदेश एवं देश में हाशिए पर पहुंच चुकी कांग्रेस राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए निम्न स्तर पर गिर गई है कि उसे किसी व्यक्ति की मृत्यु व आत्महत्या में भी राजनैतिक स्वार्थ और अवसर दिखाई दे रहा है। जीतू पटवारी की यह घृणित व निदंनीय राजनीति उनके नैतिक पतन और मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के आत्महत्या के मामले की जांच होगी और उसके कारण भी सामने आएंगे। जीतू पटवारी को अपने असत्यहीन बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो भाजपा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करेगी।
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