रविवार, 29 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. मध्यप्रदेश
  4. Narendra Modi eyes on women and tribal vote bank in Madhya Pradesh
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 17 सितम्बर 2022 (19:13 IST)

चीतों की सौगात देने के साथ अपने 37 मिनट के भाषण में ग्वालियर-चंबल की सियासत को भी साध गए नरेंद्र मोदी?

चीतों की सौगात देने के साथ अपने 37 मिनट के भाषण में ग्वालियर-चंबल की सियासत को भी साध गए नरेंद्र मोदी? - Narendra Modi eyes on women and tribal vote bank in Madhya Pradesh
भोपाल। अपने जन्मदिन पर के अवसर पर मध्यप्रदेश के श्योपुर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश को चीतों की सौगात देने के साथ करहल में एक बड़े कार्यक्रम में स्व सहायता सूमहों की एक लाख से अधिक महिलाओं को संबोधित किया। 70 साल बाद देश के साथ मध्यप्रदेश को चीतों की सौगात देने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 37 मिनट के भाषण के जरिए मध्यप्रदेश में भाजपा के चुनावी एजेंडे को साधने का काम किया। 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा के 51 फीसदी वोट बैंक के लक्ष्य को हासिल करने के लिए आधी आबादी यानि महिला वोट बैंक के साथ आदिवासी वोट बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के जरिए साधने का काम किया।  
 
महिलाओं के बड़े वोट बैंक को साधा- प्रदेश के चंबल अंचल में आने वाले सबसे पिछड़े जिले श्योपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में अपने जन्मदिन का जिक्र करते हुए कहा कि आज के दिन मेरा प्रयास रहता है कि मां के चरण छूकर आशीर्वाद लूं। लेकिन मैं मां के पास नहीं जा सका, लेकिन मध्य प्रदेश की लाखों माताएं आज मुझे यहां आशीर्वाद दे रही हैं। ये दृष्य आज मेरी मां जब देखेगी तो बहुत ज्यादा प्रसन्न होंगी।
प्रधानमंत्री की इस बात पर पूरा सभास्थल तालियों की गड़गाहट से गूंज उठा। वहीं अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डबल इंजन वाली सरकार के फा जिक्र कर मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सीधा संदेश दे दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए अपनी सरकार के कामों का जिक्र कर आधी आबादी के वोट को साधने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद से ही देश, महिलाओं की गरिमा बढ़ाने, महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान में जुटा हुआ है। देश में 11 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर, 9 करोड़ से ज्यादा उज्ज्वला के गैस कनेक्शन देकर और करोड़ों परिवारों में नल से जल देकर, आपका जीवन आसान बनाया है। 

इसके साथ महिला स्वयं सहायता समूहों की ताकत आज विकिसत भारत, आत्मनिर्भर भारत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं के 'स्वयं सहायता समूह' आज 'राष्ट्र सहायता समूह' बन चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के 'नए भारत' में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है।     

आदिवासी वोट बैंक को भी साधा-आदिवासी बाहुल्य जिले श्योपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के जरिए आदिवासी वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि आज के 'नए भारत' में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से हाल में ही श्योपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष चुनी गई गुड्डी बाई आदिवासी का जिक्र कर आदिवासी वोट बैंक को साधने की कोशिश की। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच से स्व-सहायता समूह का का काम करने वाली सरिता आदिवासी ने भाजपा सरकार में आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण को विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण के बाद श्योपुर से भाजपा विधायक सीताराम आदिवासी से भी मिले। 

ग्वालियर-चंबल अंचल की 34 विधानसभा सीटों मे से 7 सीटें आदिवासी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 7 सीटों में 6 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया था, जबकि बीजेपी को केवल 1 ही सीट मिली थी। ऐसे में 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा आदिवासी सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। 

भरोसा नहीं तोड़ने के वादे से इमोशनल कनेक्ट-आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के जरिए लोगों से इमोशन कनेक्टर करने की कोशिश की। चीतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा श्योपुर को चीता इसलिए सौंपा क्योंकि आप पर हमारा भरोसा है। आप मुसीबत झेंलेगे लेकिन चीतों पर मुसीबत नहीं आने देगें। मुझे पूरा विश्वास है कि इस देश के लोगों ने और मध्यप्रदेश के लोगों ने मेरे भरोसे को कभी तोड़ा नहीं है और आंच नहीं आने दी और मुझे पूरा भरोसा है कि श्योपुर के लोग भी मेरे भरोसे पर आंच नहीं आने देंगे।
 
ग्वालियर-चंबल अंचल भाजपा के लिए चुनौती-मध्यप्रदेश की राजनीति में ग्वालियर-चंबल अंचल किंगमेकर की भूमिका में रहता है। भाजपा और कांग्रेस जो भी ग्वालियर चंबल अंचल में जीतती है उसकी ही प्रदेश सरकार बनती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल की 34 विधानसभा सीटों में से भाजपा 9 सीटों पर सिमट गई थी और उसको सत्ता से बाहर होना पड़ा था। वहीं हाल के नगरीय निकाय चुनाव में भी भाजपा मुरैना नगर निगम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा वहीं श्योपुर में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा। इसलिए भाजपा ने 2023 विधानसभा चुनाव को देखते हुए ग्वालियर-चंबल पर अपना फोकस कर दिया। पिछले दिनों ग्वालियर में 11 सौ करोड़ से अधिक विकासकार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के जरिए भाजपा ने ग्वालियर-चंबल अंचल में चुनावी बिगुल फूक दिया है।
 
ये भी पढ़ें
8 चीते तो आ गए लेकिन 8 सालों में 16 करोड़ नौकरियां क्यों नहीं आईं? PM मोदी से राहुल गांधी का सवाल