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Last Updated : सोमवार, 7 फ़रवरी 2022 (15:07 IST)

मिलिए भोपाल की डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार से जो स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए गर्भसंस्कार को लेकर चला रही मुहिम

डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार सुफल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप के जरिए गर्भसंस्कार के कार्यक्रम का करती है आयोजन

मिलिए भोपाल की डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार से जो स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए गर्भसंस्कार को लेकर चला रही मुहिम - Meet Dr Priya Bhave, who is campaigning for Garbh Sanskar to build a healthy India
भोपाल। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए चार-स्तरीय रणनीति तैयार की है। जिसमें स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए गर्भवती महिलाओं और उसके गर्भस्थ शिशु की समुचित देखभाल और उपचार के साथ योग के जरिए स्वास्थ्य कल्याण को बढ़ावा देना प्रमुख है।

पीएम मोदी की स्वस्थ भारत की इस मुहिम में गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु की सही तरह की देखभाल करने और किसी भी प्रकार के अनचाहे डर से दूर करने का कार्य राजधानी भोपाल में सुफल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप कर रहा है। सुफल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप में विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ योग विशेषज्ञ,सायकोलॉजिस्ट, लाइफ मोटिवेटर और ज्योतिषाचार्य गर्भवती महिला को गर्भ संस्कार के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर संस्कारों को लेकर जागरूक किया जा रहा है।
 
सुफल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप की संयोजक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रिया भावे चित्तावार कहती हैं कि स्वस्थ भारत के निर्माण के लिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म दें। इसलिए गर्भावस्था के दौरान मां अपनी और आने वाले शिशु की देखभाल पूरी तरह कर पाए और गर्भावस्था को पूरी तरह से एन्जाय कर सके इसलिए सुपल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप बनाया गया है।
वह कहती है कि गर्भावस्था के समय सुखद अनुभूति एवं गर्भस्थ शिशु की सही तरह से देखभाल करने के लिए गर्भसंस्कार भारत में प्राचीन काल से चली आ रही एक परंपरा है। इसी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम सुफल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप की ओर से पिछले सात सालों से किया जा रहा है। 
 
डॉक्टर प्रिया भावे आगे कहती हैं कि गर्भ संस्कार से गर्भस्थ शिशु के विकास पर काफी प्रभाव पड़ता है। गर्भ में पल रहे बच्‍चे को संस्‍कार देने की प्रथा भावी पीढ़ी के निर्माण में एक सार्थक प्रयास है। गर्भ में पल रहे शिशु के मस्तिष्क का विकास गर्भवती मां की भावनाओं, विचार, आहार एवं वातावरण पर निर्भर होता है। गर्भवती महिला के विचार, भावनाएं, जीवन की ओर देखने का दृष्टिकोण, तर्क आदि गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क में संग्रहीत होता जाता है जिससे जब वह जन्म लेता है तब अपना एक अनूठा व्यक्तित्व लेकर आता है। 
 
वह कहती है कि मातृत्व एक वरदान है तथा प्रत्येक गर्भवती एक स्वस्थ शिशु को जन्म देकर अपना जन्म सार्थक कर सकती है। मातृत्व सुख अपने आप में सुखद एवं भावनात्मक अनुभव होता है जिसे हर महिला जीना चाहती है। आज के दौर में जब नौकरी और अन्य कारणों से एकल परिवार का प्रचलन काफी बढ़ गया है, तब गर्भावस्था के दौरान आने वाली परेशानियों और अनुभव को साझा करने वाला आपके पास कोई नहीं होता है जिससे गर्भावस्था में आने वाले कई तरह के शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों पर चर्चा हो सके और सभी तरह के भ्रम को दूर किया जा सके। गर्भावस्था में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तनों के कारण मन में एक अनचहा भय और तनाव भी बन जाता है। 
 
वहीं सुफल गर्भावस्था सपोर्ट ग्रुप से जुड़ी योग विशेषज्ञ डॉक्टर शैलेजा त्रिवेदी कहती है कि विज्ञान और आध्यात्म दोनों मानते है कि जो संस्कार हम गर्भ में बच्चे को देते है वह एक ऊर्जावान और ओजस्वी व्यक्ति वाले बच्चे का निर्माण करते है।

गर्भसंस्कार के कार्यक्रम में हर हर महीने विभिन्न विषयों पर गर्भवती महिलाओं से अपने विचार साझा करते है। गर्भस्थ शिशु पर मां के सोच, उसके आचार-विचार का प्रभाव पड़ता है। ग्रुप के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को बताया जाता है कि वह सिर्फ बच्चे को नहीं बल्कि भारत के एक नागरिक को जन्म दे रही है जो भारत का भविष्य है। 
 
कोरोनाकाल में गर्भवती महिलाओं को नाकारात्मक विचारों से दूर रखने के लिए सुफल सपोर्ट ग्रुप ने कई तरह के ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम किए। इस तरह किसी भी आपात स्थिति में गर्भवती महिलाओं को मदद भी दी जाती है।