Madhya Pradesh Crisis: विधायक बचाओ मुहिम में जुटी भाजपा, बागियों की वापसी की कोशिश में कांग्रेस
भोपाल। मध्यप्रदेश में तेजी से पल पल बदल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच कोई भी खेमा अपनी हार मानने को तैयार नहीं दिख रहा है। दोनों ही गुटों में अब अपने विधायकों को साधने में जुट गए है। देर रात भाजपा ने विधायक दल की बैठक के बाद अपने सभी विधायकों को भोपाल से बाहर भेज दिया। भाजपा दफ्तर से 4 बसों में सवार होकर भाजपा विधायक सीधे एयरपोर्ट पहुंचे जहां से उनको विशेष विमान से दिल्ली भेजा गया।
एयरपोर्ट पहुंचे भाजपा विधायक अपने साथ बड़ी मात्रा में अपने रोजमर्रा के सामानों को ले जाते हुए दिखाई दिए। इससे पहले विधायक दल के बैठक में प्रदेश के मौजूदा सियासी हालात पर चर्चा हुई। दिल्ली निकलने पर भाजपा विधायक संजय पाठक ने कहा कि होली मिलन सामारोह के लिए सभी विधायक एक साथ जा रहे है।
भाजपा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव – सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे के बाद डैमेज कंट्रोल करने के लिए और सरकार बचाने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें उसके 92 विधायक शामिल हुए। मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भाजपा के कांग्रेस की सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों की घोर निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।
प्रस्ताव में कहा गया कि भाजपा ने प्रजातंत्र को शर्मसार करते हुए जनप्रतिनिधियों को प्रलोभित, प्रताड़ित और गुमराह करके प्रजातंत्र को शर्मसार किया है। यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने विधायक दल की बैठक में रखा। प्रस्ताव में कहा गया कि लोकतांत्रिक मूल्यों की अवमानना करते हुए भाजपा ने मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ नागरिकों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं का कुठाराघात करने की कोशिश की है जो बेहद निंदनीय है।
बागियों को साधने की कोशिश - बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह समय आने पर अपना बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। इस बीच कांग्रेस ने बेंगलुरू में अपने विधायकों से संपर्क करने की कोशिश तेज कर दी है और इसकी जिम्मेदारी कर्नाटक कांग्रेस के बड़े नेता डीके शिवकुमार को दी गई है।
वहीं पार्टी के सीनियर मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और गोविंद सिंह भी बेंगलुरू जाकर विधायकों को मानने की कोशिश में जुटेंगे। दूसरी ओर भोपाल में मौजूद विधायकों को एकजुट रखने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस विधायको को भोपाल के एक होटल में रुकने का पार्टी ने प्लान बनाया है।
सिंधिया के बाद इस्तीफों की झड़ी - होली के दिन दिनभर हुए तेजी से घटनाक्रम में जहां दिल्ली में सिंधिया ने पीएम मोदी से मिलने के बाद कांग्रेस के अपने 18 साल पुराने सफर को विराम देते हुए पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया तो दूसरी ओर सिंधिया के इस्तीफे के बाद कांग्रेस में भगदड़ के हालात बन गए।
बेंगलुरू में डेरा डाले सिंधिया समर्थक 19 विधायकों ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया तो भोपाल में बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और मनोज चौधरी ने भी कांग्रेस छोड़ दी।