नवरात्रि पर मध्यप्रदेश में भी उठी मीट की दुकानें बंद करने की मांग, बोले भाजपा विधायक, डंडे के बल पर नहीं कराना चाहते बंद
उत्तरप्रदेश और दिल्ली के बाद अब मध्यप्रदेश में भी नवरात्रि पर मीट की दुकानें बंद करने की मांग उठ गई है। भोपाल से भाजपा विधायक रामेश्वर ने मीट की दुकानें बंद करने की मांग करते हुए कहा कि हम डंडे के बल पर दुकानें बंद कराना नहीं चाहते इसलिए हिंदुओं की भावनाओं का आदर करते हुए सभी को आगे आना चाहिए। वहीं हिंदूवादी संगठनों ने नवरात्रि पर मीट की दुकानें बंद करने की मांग उठाई है।
भाजपा विधायक ने कहा कि कांग्रेस, सपा और बसपा गंगा-जमुनी तहजीब के भाषण देते हैं। वो कहते हैं सभी को सभी धर्मों का आदर करना चाहिए। हम डंडे के बल पर दुकानें बंद कराना नहीं चाहते। अब हिंदुओं ने रिक्वेस्ट की है तो ऐसे भाषण देने वालों को हिंदुओं की भावनाओं का आदर करना चाहिए। उन्हें इमामों के पास जाकर समझाना चाहिए। सबको समझाएं, सबको बताएं, अगर सात-आठ दिन मांस नहीं खाएंगे तो कौन से धरती पर नहीं रहेंगे। हिंदू-मुस्लिम एकता हो तो हिंदुओं के त्योहारों का महत्व सभी को समझाएं। व्रत के समय कोई हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करेगा तो हिंदू भी उसकी भावनाओं का सम्मान करेंगे।
वहीं हिंदूवादी संगठन संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने मांग की है कि आगामी 30 मार्च से हिंदू नव वर्ष एवं नवरात्रि पर प्रारंभ हो रहा है जिसमें की कई मंदिरों के आसपास मीट की दुकानें हैं, जिससे हमारे व्रत और उपवास में अशुद्धता का भाव उत्पन्न होता है। इसलिए वह सरकार के मांग करते है कि 9 दिन के लिए मांस एवं मटन की दुकानों को पूर्णतः बंद किया जाए एवं महाष्टमी और रामनवमी के दिन शराब की दुकानों को भी बंद करने का आदेश शासन करें जिससे कि हमारी सनातन धर्मियों की हिंदू जन भावनाओं का सम्मान हो सके एवं 9 दिन तक हम अपना व्रत त्यौहार शुद्धता एवं निष्ठा से संपन्न कर पाए।