Lok Sabha Elections 2024 : शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को बीजेपी पर चुनाव जीतने के लिए 'ठाकरे' को चुराने की कोशिश करने का आरोप लगाया, यह टिप्पणी मनसे प्रमुख राज ठाकरे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच एक बैठक के मद्देनजर आई है। नांदेड़ जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर बीजेपी ने उनके चचेरे भाई को छीन लिया तो उन्हें कोई परेशानी नहीं है। 
				  																	
									  				  
	राज ठाकरे ने उद्धव के साथ मतभेदों के कारण अविभाजित शिवसेना से नाता तोड़ लिया था। हालांकि उनकी मनसे ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा सकी। उत्तर भारतीयों के खिलाफ राज ठाकरे की विवादास्पद टिप्पणियों की भाजपा सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने तीखी आलोचना की थी।
				  
				  
	
	
		उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा अच्छी तरह से जानती है कि उसे महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर वोट नहीं मिलते हैं। लोग यहां (बाल) ठाकरे के नाम पर वोट करते हैं। इस अहसास ने भाजपा को बाहर (भाजपा) से नेताओं को चुराने की कोशिश करने के लिए प्रेरित किया।
 				  						
						
																							
									  
		 
		उन्होंने भाजपा पर बाल ठाकरे की विरासत को हड़पने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उन्होंने मराठवाड़ा क्षेत्र में नांदेड़ और हिंगोली जिलों के अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर कहा कि पहले, उन्होंने बाल ठाकरे की तस्वीर चुरायी, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आज, वे एक और ठाकरे को चुराने की कोशिश कर रहे हैं...इसे ले लो, मैं और मेरे लोग काफी हैं। 
 				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  				  																	
									  
	कोई आश्चर्य नहीं : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) ने मंगलवार को कहा कि राज ठाकरे की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि पहले से ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख की भाजपा से निकटता के संकेत थे।
				  																	
									  
	 
	राकांपा (शरदचंद्र पवार) के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने दावा किया कि मनसे नेता ठाकरे केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं और वह अपनी पार्टी को बचाने की कोशिश करते रहे हैं।
				  																	
									  
	 
	शरद पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट के नेता ने दावा किया कि ठाकरे की मनसे लड़खड़ा रही है और बैठक उन्हें बचा सकती है तथा उनकी पार्टी की रक्षा कर सकती है।
				  																	
									  
	 
	क्रैस्टो ने कहा कि यह आश्चर्यजनक नहीं है कि उन्होंने (ठाकरे) केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मुलाकात की क्योंकि भाजपा के साथ उनकी निकटता के पर्याप्त संकेत थे।
				  																	
									  				  																	
									  
	राज ठाकरे ने मंगलवार को नई दिल्ली में शाह से मुलाकात की जिससे संकेत मिलता है कि भाजपा पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में अपने गठबंधन को मजबूत करने के लिए लोकसभा चुनाव में उनके साथ गठबंधन करना चाहती है।
				  																	
									  
	 
	यदि गठबंधन पर मुहर लगती है तो मनसे को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से चुनाव लड़ने के लिए एक सीट मिल सकती है, जहां उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट का कुछ प्रभाव है।
				  																	
									  
		एमवीए की सफलता से डरे : शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने मंगलवार को आरोप लगाया कि राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि वे महा विकास आघाडी (एमवीए) की सफलता से डरते हैं।
 				  																	
									  
		 
		दिल्ली में राज ठाकरे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि अगर मनसे ,भाजपा नीत 'महायुति' में शामिल होती है, तो इसका राज्य की राजनीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम एमवीए की सफलता के डर से हो रहे हैं।
 				  																	
									  
		 
		राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग बहुत बुद्धिमान हैं और वे राज्य के खिलाफ रुख रखने वाले किसी भी व्यक्ति को बर्दाश्त नहीं करेंगे। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी) के अलावा कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) अन्य घटक हैं।
 				  																	
									  
		 
		इससे पहले दिन में उद्धव ठाकरे के चचेरे भाई राज ठाकरे ने अमित शाह से मुलाकात की। यह संकेत है कि भाजपा पश्चिमी राज्य में अपने गठबंधन का विस्तार करने के लिए मनसे को साथ लाना चाहती है।
 				  																	
									  
		 
		सूत्रों के मुताबिक यदि गठबंधन पर मुहर लगती है तो मनसे को मुंबई से चुनाव लड़ने के लिए एक सीट दी जा सकती है, जहां उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना (यूबीटी) का प्रभाव माना जाता है।