'मुफलिस से अब चोर बन रहा हूं, पर इस भरे बाजार से चुराऊं क्या। यहां वही चीजें सजी हैं, जिन्हें लुटाकर मैं मुफलिस हो चुका हूं।' इन काव्य पंक्तियों के रचयिता विश्वनाथ प्रताप सिंह ने कांग्रेस से अलग बोफोर्स मुद्दा इस तरह से उठाया कि वे प्रधानमंत्री पद की कुर्सी तक पहुंच गए।