भोपाल के चुनावी रण में हिंदुत्व बनाम विकास के मुद्दे पर छिड़ी सियासी जंग
भोपाल। लोकसभा चुनाव को लेकर इस बार भले ही देश में राफेल और चौकीदार का मुद्दा हावी हो, राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी एक दूसरे पर निशाना साध रहे हो लेकिन भोपाल लोकसभा सीट पर बदले हुए सियासी समीकरणों में अब पूरी लड़ाई हिंदुत्व बनाम विकास के एजेंडे पर होती हुई दिखाई दे रही है।
हाईप्रोफाइल भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार अपने अपने एजेंडे पर चुनाव लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह विकास के मुद्दें पर लोगों के बीच जा रहे हैं तो भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा हर मंच पर हिंदुत्व का मुद्दा उठा रही है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के मुकाबले में उतरने के बाद जहां भाजपा पूरे चुनाव को हिंदुत्व की ओर ले जाने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है तो कांग्रेस और दिग्विजय सिंह जोर शोर के साथ विकास की बात कह रहे हैं। दिग्विजय सिंह साफ कर चुके हैं कि उनके चुनाव का मुख्य मुद्दा विकास होगा और इसी को लेकर वो लोगों के पास जा रहे है, इसको लेकर दिग्विजय भोपाल के विकास को लिए अपना विजय डॉक्यूमेंट भी लोगों के सामने पेश करने वाले हैं।
चुनावी रण में भाजपा की ओर से साध्वी प्रज्ञा के आने के बाद दिग्विजय लगातार अपने ट्वीट के जरिए विकास की बात कह रहे हैं। विकास के मुद्दें पर दिग्विजय केंद्र की मोदी सरकार और मध्य प्रदेश में 15 साल तक सत्ता में रही शिवराज सरकार के विकास को लेकर किए कामकाज पर सवाल उठा रहे है।
शनिवार को अपना नामांकन भरने जा रहे दिग्विजय सिंह से जब पिछले दिनों प्रेस कॉफेंस में उनके भोपाल को लेकर विजन के बारे में पूछा गया था तो दिग्विजय ने साफ कहा था कि वो भोपाल के विकास को लेकर अपना विजन डॉक्यूमेंट पेश करेंगे। वहीं चुनाव में उनकी प्रतिदंद्धी और भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने अपनी उम्मीदवारी के एलान के बाद जो पहली प्रेस कॉफेंस की उसमें उन्होंने साफ कहा कि भगवा को सम्मान दिलाना, हिंदुत्व की रक्षा करना उनका मुख्य चुनावी मुद्दा होगा।
वेबदुनिया को दिए इंटरव्यू में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से जब सवाल किया गया कि दिग्विजय एक ओर विकास की बात कर रहे हैं और आप हिंदुत्व की तो मुकाबला कैसे होगा पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने चुनाव को धर्मयुद्ध बताते हुए इसे धर्म और अधर्म के बीच की लड़ाई बताया। इसके बाद ही ये साफ हो गया था कि भोपाल लोकसभा सीट पर इस बार दोनों ही उम्मीदवार अपने अपने एजेंडे पर मतदाताओं के बीच जाएंगे। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता किसके एजेंडे पर अपनी मोहर लगाता है।