क्या है साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ दिग्विजय का नया दांव?
भोपाल। बेहद दिलचस्प और हाईप्रोफाइल हो चुके भोपाल लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के धुंरधर हर दिन नए नए दांव चल रहे हैं। भाजपा की तरफ से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद भोपाल लोकसभा सीट पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है।
मालेगांव बम ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाजपा ने जबसे अपना उम्मीदवार बनाया है, तब से विपक्ष के नेताओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उमर अब्दुल्ला से लेकर औवेसी तक साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ उतर आए लेकिन उनके सबसे बड़े विरोधी रहे और भोपाल में उनके प्रतिद्वंदी दिग्विजय ने कोई भी बयान नहीं दिया।
भाजपा की तरफ से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नाम का ऐलान होने के बाद दिग्विजय सिंह ने केवल एक बयान जारी कर उनका स्वागत किया। जो दिग्विजय मालेगांव बम ब्लास्ट मामले को लेकर भाजपा और साध्वी प्रज्ञा को लंबे समय से घेरते आ रहे थे, उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला।
इसके बाद जब प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जब दिग्विजय सिंह को खुले मंच पर बहस की चुनौती दी तब भी दिग्विजय चुप रहे। गुरुवार को साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने एक के बाद एक ट्वीट कर दिग्विजय को ललकारते हुए उनका राजनीतिक जीवन समाप्त करने की बात भी कही लेकिन दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट भी नहीं किया।
राजनीतिक पंडित इसे सियासत के खिलाड़ी दिग्विजय सिंह की एक सोची-समझी रणनीति बता रहे थे। भोपाल से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद दिग्विजय सिंह जहां हर मंच पर भाजपा के नेताओं को बहस की चुनौती देते थे, अब उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी है। दिग्विजय सिंह ने खुद एक बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि वे चुनाव में विपक्ष की तरफ से आने वाले किसी भी सवाल का जवाब नहीं देंगे।
शुक्रवार को जब मीडिया ने दिग्विजय सिंह से शहीद हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा सिंह के बयान के बारे में पूछा था तो दिग्विजय ने सीधे शब्दों में कहा कि उन्होंने तय किया है कि अपने चुनाव में वे अपनी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करेंगे। दिग्विजय का ये बयान उस वक्त सामने आया है, जब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर उनको सीधे अपने निशाने पर लेते हुए उन पर हमला बोल रही हैं।
सियासत के जानकार इसे दिग्विजय सिंह की एक सोची-समझी रणनीति बताते हुए कहते हैं कि दिग्विजय सिंह इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि वे साध्वी प्रज्ञा के आरोपों का जितना जवाब देंगे, उतना ही वे भाजपा की रणनीति में फंसते जाएंगे। साध्वी प्रज्ञा के बयानों को अनदेखा कर वे बहुत हद तक भाजपा के उनके खिलाफ बनाई गई रणनीति की धार को कुंद कर देंगे।