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Last Updated : गुरुवार, 14 नवंबर 2024 (15:58 IST)

Maharashtra Elections: भाजपा सांसद चव्हाण को क्यों रास नहीं आया योगी का नारा बंटेंगे तो कटेंगे

चव्हाण ने कहा कि विकास मेरा एकमात्र एजेंडा

Maharashtra Elections: भाजपा सांसद चव्हाण को क्यों रास नहीं आया योगी का नारा बंटेंगे तो कटेंगे - Ashok Chavan did not like the slogan 'bantenge to katenge'
Ashok Chavan News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने नांदेड़ (Maharashtra) में कहा है कि योगी आदित्यनाथ का 'बंटेंगे तो कटेंगे' (Bantenge to Katenge) का नारा सही नहीं है, यह अप्रासंगिक है तथा लोग इसकी सराहना भी नहीं करेंगे।
 
चव्हाण ने बुधवार को 'पीटीआई भाषा' को दिए साक्षात्कार में यह भी कहा कि वह 'वोट जिहाद बनाम धर्मयुद्ध' की बयानबाजी को ज्यादा महत्व नहीं देते क्योंकि भाजपा और सत्तारूढ़ महायुति की नीति देश और महाराष्ट्र का विकास है।
 
योगी आदित्यनाथ का नारा है यह : गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता योगी आदित्यनाथ 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले अपनी रैलियों में 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा लगाते रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा कि इसकी (नारे की) कोई प्रासंगिकता नहीं है। चुनाव के समय नारे दिए जाते हैं। यह विशेष नारा सही नहीं है और मुझे नहीं लगता कि लोग इसकी सराहना करेंगे। व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मैं ऐसे नारों के पक्ष में नहीं हूं।ALSO READ: क्या महाराष्ट्र में चुनाव के बाद बदलेंगे राजनीतिक समीकरण, फिर चाचा शरद के साथ आ सकते हैं अजित पवार
 
भाजपा नेता ने महायुति के लिए अपने चुनाव प्रचार के दौरान नांदेड़ के अर्धपुर में कहा कि हर राजनीतिक पदाधिकारी को बहुत सोचने के बाद फैसला लेना होता है। हमें यह भी देखना होगा कि किसी की भावनाएं आहत न हों। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने पिछले हफ्ते कहा था कि 'वोट जिहाद' का मुकाबला वोट के 'धर्मयुद्ध' से किया जाना चाहिए।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या 'वोट जिहाद बनाम धर्मयुद्ध' के विमर्श के बीच चुनाव प्रचार विकास के मुद्दे से भटक रहा है, चव्हाण ने कहा कि महायुति और भाजपा की नीति विकसित भारत और विकसित महाराष्ट्र है जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है।ALSO READ: योगी एक, अंदाज अनेक, महाराष्ट्र में चुनाव के दौरान Yogi की अलग अलग मुद्राएं (फोटो)
 
विकास मेरा एकमात्र एजेंडा : उन्होंने कहा कि मैं इसे (जिहाद संबंधी बयानबाजी को) ज्यादा महत्व नहीं देता। व्यक्तिगत रूप से कहूं तो विकास मेरा एकमात्र एजेंडा है। इसलिए मेरे पार्टी बदलने के बावजूद लोग मेरे रुख की सराहना करते हैं। चव्हाण लंबे समय तक कांग्रेस से जुड़े रहने के बाद इस साल फरवरी में भाजपा में शामिल हुए थे। इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में मराठा आरक्षण मुद्दे से महायुति की संभावनाओं पर असर पड़ने के दावों पर चव्हाण ने कहा कि सरकार ने आरक्षण मुद्दे के संबंध में निर्णय लिए हैं।
 
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में मराठा आरक्षण का असर ज्यादा रहा। लोकसभा चुनाव के बाद शिंदे सरकार द्वारा कई फैसले लिए गए, जैसे 10 प्रतिशत आरक्षण, जिनके पास कुनबी प्रमाण पत्र थे, उन्हें आरक्षण दिया गया। लोगों को नौकरियां (कोटा के जरिए) भी मिलीं और (आरक्षण आंदोलन के दौरान लोगों के खिलाफ दर्ज) मामले भी वापस लिए गए।
 
मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान : महाराष्ट्र विधानसभा ने इस साल फरवरी में सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया था जिसमें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया था। हालांकि कार्यकर्ता मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा आरक्षण की मांग कर रहे हैं।ALSO READ: महाराष्ट्र चुनाव में बवाल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री राव साहेब दानवे ने मारी कार्यकर्ता को लात, वीडियो हुआ वायरल
 
चव्हाण ने कहा कि जरांगे का चुनाव न लड़ने और न ही किसी पार्टी का समर्थन करने का फैसला उनका व्यक्तिगत कदम है क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका लक्ष्य केवल अपने समुदाय के लोगों को आरक्षण दिलाना है। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे मुलाकात भी की और आश्वासन दिया कि महायुति सत्ता में आने के बाद मांगों पर विचार करेगी।
 
उन्होंने कहा कि चुनाव का माहौल अच्छा है और लोगों में उत्साह है। उन्होंने कहा कि हमने (बुधवार को) केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की रैली की थी और अच्छी संख्या में लोग मौजूद थे। प्रधानमंत्री भी यहां आएं थे। माहौल गर्म हो गया है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को भी लागू किया जाता है। इसलिए लोगों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है और हमारे (महायुति) उम्मीदवार अच्छे अंतर से जीतेंगे।
 
यह पूछे जाने पर कि महायुति को 288 सदस्यीय विधानसभा में कितनी सीटें मिलेंगी, चव्हाण ने कहा कि उन्होंने राज्य के कुछ हिस्सों का दौरा किया है लेकिन सभी का दौरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हम सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत हासिल कर लेंगे।
 
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने 2008 से 2010 के बीच राजनीतिक घटनाक्रम के दौरान अपनी पीड़ा के लिए कांग्रेस के लोगों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मैं ज्यादा बात नहीं करना चाहता, क्योंकि अब यह इतिहास बन चुका है। मुझे लगता है कि मैंने जो भी फैसला किया है वह अपने करियर के हित में लिया है। उल्लेखनीय है कि मुंबई में आदर्श हाउसिंग घोटाले के कारण चव्हाण को 2010 में राज्य के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta