चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने घोषणा की है कि जल्द ही नौ और देशों के नागरिकों को बिना पहले से वीजा लिए देश में प्रवेश करने की अनुमति होगी। 30 नवंबर 2024 से बुल्गेरिया, रोमेनिया, माल्टा, क्रोएशिया, मोंटेनीग्रो, नॉर्थ मैसेडोनिया, एस्टोनिया, लात्विया और जापान के यात्री बिना वीजा के चीन पहुंच सकेंगे।
इस घोषणा के साथ ही ऐसे देशों की संख्या बढ़ कर 38 हो जाएगी, जिन्हें बीते एक साल में चीन में वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा मिली है। कोविड महामारी के पहले दुनिया के केवल तीन ही देशों को ऐसी सुविधा मिली हुई थी। उसे भी कोरोना वायरस फैलने के बाद से बंद कर दिया गया था।
न्यूज एजेंसी एपी ने चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान के हवाले से खबर दी है कि बिना वीजा के चीन में रहने की जो अधिकतम समयसीमा 15 दिन हुआ करती थी, उसे भी अब बढ़ाकर 30 दिन कर दिया गया है। इन कदमों को चीन में पर्यटन से होने वाली कमाई को बढ़ावा देने और संघर्ष करती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिशों के संदर्भ में देखा जा रहा है। कारोबारी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी यात्राओं यानी बिजनेस ट्रैवल को आसान बनाना भी इसका मकसद है।
आपसी मेल जोल बढ़ने से चमकेगी चीन की छवि
चीन खास कर लोगों के स्तर पर बाकी देशों के लोगों के साथ मेलजोल को बढ़ा कर, आपसी संबंधों को सुधारने और देश की छवि को चमकाने की कोशिश कर रहा है। इसमें छात्रों, शिक्षकों, रिसर्चरों और दूसरे पेशों से जुड़े लोगों के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाना शामिल है।
कोविड महामारी के दौरान लगे यात्रा प्रतिबंधों को बाकी कई देशों के मुकाबले चीन में काफी देर से हटाया गया था। धीरे धीरे चीन ने उन देशों से वीजा फ्री यात्रा बहाल करना शुरु किया जहां ये कोविड के पहले से चली आ रही थी। जुलाई 2023 में ये पहले देश बने - ब्रुनेई और सिंगापुर। इसके बाद एक दिसंबर 2023 से चीन ने छह और देशों - जर्मनी, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड्स, स्पेन और मलेशिया के नागरिकों को भी ये सुविधा दे दी।
बाकी देशों को भी है चीनी पर्यटकों का इंतजार
इस साल जुलाई से सितंबर के बीच जिन 82 लाख विदेशी लोगों ने चीन की यात्रा की, उनमें से 49 लाख लोगों ने बिना वीजा लिए प्रवेश किया था। यह आंकड़े चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने विदेश मंत्रालय की कौन्सुलर सर्विस के हवाले से दिए थे।
इसकी लोकप्रियता को देखते हुए चीन कई चरणों में इस सुविधा को विस्तार देता दिख रहा है। इसका दूसरा पक्ष ये है कि इसी दौरान थाईलैंड जैसे कुछ देशों ने भी चीनी नागरिकों के लिए अपने यहां वीजा-फ्री आवाजाही की सुविधा दे दी है। ऐसे देश चाहते हैं कि कोरोना महामारी के पहले की तरह बहुत सारे चीनी पर्यटक उनके यहां आएं और वहां पैसे खर्च कर उनके पर्यटन सेक्टर के फलने फूलने में सहयोग करें।
आरपी/ एनआर (एपी)