मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. survey claims drop in unemployment rate in india in 2020-21
Written By DW
Last Modified: गुरुवार, 16 जून 2022 (07:41 IST)

भारत: बेरोजगारी में गिरावट के आंकड़ों पर सवाल

भारत: बेरोजगारी में गिरावट के आंकड़ों पर सवाल - survey claims drop in unemployment rate in india in 2020-21
भारत सरकार के एक रोजगार सर्वे ने दावा किया है कि 2020 में बेरोजगारी में गिरावट आई थी। सवाल उठ रहे हैं कि कोविड-19 महामारी के पहले साल में जहां लाखों नौकरियां चली गईं ऐसे में आंकड़े बेरोजगारी में गिरावट कैसे दिखा रहे हैं।
 
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में 2019-20 के मुकाबले महामारी के पहले साल यानी 2020-21 में बेरोजगारी में गिरावट आई थी।
 
2019-20 में बेरोजगारी दर 4.8 थी जबकि 2020-21 में यह गिर कर 4.2 पर आ गई थी। इस सर्वे में जुलाई 2020 से जून 2021 के बीच की अवधि की बात की गई है। इसका मतलब है इस अवधि में जितने लोग रोजगार ढूंढ रहे थे, उनमें से सिर्फ 4.2 प्रतिशत को रोजगार नहीं मिला।
 
शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर 6.7 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 3.3 प्रतिशत पाई गई। इसके अलावा दो और मानकों में भी आंकड़े रोजगार को लेकर अच्छी तस्वीर दिखा रहे हैं। लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन रेट (एलएफपीआर) चार सालों में सबसे ऊंचे स्तर 39.3 प्रतिशत पर पाई गई और वर्कर पॉप्युलेशन रेश्यो (डब्ल्यूपीआर) 36.3 प्रतिशत पर।
 
चौंकाने वाले आंकड़े
एलएफपीआर का मतलब उन लोगों की संख्या जो या तो किसी रोजगार में लगे हुए हैं या रोजगार के लिए उपलब्ध हैं। माना जाता है कि इसके ऊंचा होने का मतलब होता है कि लोग रोजगार की उपलब्धता को लेकर निराशाजनक नहीं हैं। डब्ल्यूपीआर का मतलब होता है कुल आबादी में उन लोगों का प्रतिशत जिन्हें रोजगार हासिल है।
 
कुल मिलाकर सर्वे के सभी आंकड़े महामारी के पहले साल में रोजगार के मोर्चे पर बेहतर स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं, जो कि अभी तक सामने आए सभी आंकड़ों के बिलकुल विपरीत है। अभी तक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जितनी भी समीक्षा हुई है उसमें यही सामने आया है कि महामारी के पहले साल में लाखों लोगों का रोजगार छिन गया।
 
वर्ल्ड बैंक के मुताबिक तो भारत में बेरोजगारी दर आठ प्रतिशत पर पहुंच गई थी। तुलना के लिए वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों में भारत में बेरोजगारी दर 2019 में 5.3 प्रतिशत पर और 2021 में छह प्रतिशत पर दर्ज है।
 
1.45 करोड़ लोगों की नौकरी गई
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के डेटाबेस पर आधारित सेंटर फॉर इकनॉमिक डाटा एंड एनालिसिस की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में भारत की बेरोजगारी दर बढ़ कर 7.11 प्रतिशत हो गई थी। सेंटर के अनुसार 2019 में बेरोजगारी दर 5.27 प्रतिशत थी।
 
खुद भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक देश में 2020 में महामारी की पहली लहर में 1.45 करोड़ लोगों की नौकरी गई, दूसरी लहर में 52 लाख लोगों की और तीसरी लहर में 18 लाख लोगों की नौकरी गई।
 
रिपोर्ट : चारु कार्तिकेय
ये भी पढ़ें
क्या कम चाय पीने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी?