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Written By DW
Last Modified: रविवार, 12 जून 2022 (08:20 IST)

अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा करेगी उड़नतश्तरियों की जांच

अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा करेगी उड़नतश्तरियों की जांच - nasa to form scientific team to study ufo
50 साल से जिस बात को लगातार खारिज किया जाता रहा है, उस पर अमेरिका गंभीर हो गया है। उड़नतश्तरियों के बारे में जांच की जिम्मेदारी अब नासा को सौंपी गई है।
 
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब यूएफओ यानी उड़नतश्तरियों की जांच करेगी। दुनिया की सबसे आधुनिक और सबसे बड़ी अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि वैज्ञानिकों की एक टीम का गठन किया जाएगा जो उड़ने वाली ऐसी चीजों का अध्ययन करेगी, जिनके बारे में पता नहीं चल पा रहा है कि वे कहां से आई हैं।
 
अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि इस अध्ययन का केंद्रबिंदू उपलब्ध डेटा की पहचान करना, भविष्य में मिलने वाले डेटा को समझने के सबसे अच्छे तरीकों की पहचान करना और यह जानना होगा कि इस सूचना का लाभ वैज्ञानिक समझ को बेहतर बनाने में कैसे किया जा सकता है।
 
नासा ने इस दल का नेतृत्व करने के लिए डेविड श्पेरगल को चुना है, जो प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स डिपार्टमेंट के अध्यक्ष रह चुके हैं। अध्ययन का जिम्मा डेनियल इवान्स को सौंपा जाएगा जो नासा के साइंस मिशन निदेशालय में वरिष्ठ शोधकर्ता हैं।
 
ईवान्स ने बताया कि आने वाले महीनों में वैज्ञानिकों का यह दल अपनी पहली बैठक करेगा और लगभग नौ महीने लगाकर एक रिपोर्ट तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि नासा इस पूरे काम पर दसियों हजार डॉलर खर्च करेगा लेकिन यह एक लाख डॉलर से ज्यादा नहीं होगा।
 
धरती को नई नजर से देखने की कोशिश
नासा की साइंस यूनिट के प्रमुख थॉमस जुरबूखेन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "हम पृथ्वी को नई नजर से देख रहे हैं। और हम अन्य तरीके भी खोज रहे हैं। यह हम बस यही कोशिश कर रहे हैं एक जांच शुरू की जाए। नतीजों के बारे में हमने अभी नहीं सोचा है।"
 
नासा के इस दल के गठन का ऐलान उस रिपोर्ट के आने के एक साल बाद आया है जिसे अमेरिका सरकार के डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस ने नौसेना के एक विशेष बल के साथ मिलकर तैयार किया था। इस रिपोर्ट में नौसैनिकों द्वारा देखी गईं उड़ती हुईं अनजान चीजों के बारे में ही ज्यादा बताया गया था। रक्षा मंत्रालय के दो अधिकारियों ने इस बारे में अमेरिकी संसद की एक समिति के सामने बयान भी दिया था जो 50 साल में इस मुद्दे पर हुई पहली बैठक थी।
 
अमेरिका सरकार ने इन उड़ती हुई अनजान चीजों को देश की सुरक्षा का मसला माना है, जिस पर नासा ने भी सहमति जताई है। एक बयान जारी कर एजेंसी ने कहा, "आसमान में उड़ती हुई अनजान चीजें राष्ट्रीय सुरक्षा का भी मसला है और हवाई सुरक्षा का भी। यह समझना कि कौन से मामले कुदरती हैं, ऐसी घटनाओं से होने वाले खतरे को कम करना है, जो नासा के लक्ष्यों में शामिल है।"
 
गंभीर हो गया है मामला
पिछले साल आई रिपोर्टमें कहा गया था कि अमेरिकी रक्षा और जासूसी एजेंसियों के विशेषज्ञों के पास इतना समुचित डेटा नहीं है कि इन यूएपी या यूएओ के बारे में कोई निष्कर्ष निकाला जा सके, जिन्हें विमान चालकों ने देखा है। इसलिए यह कह पाना मुमकिन नहीं है कि पायलटों ने जो देखा वो पृथ्वी पर ही विकसित की जा चुकी कोई अत्याधुनिक तकनीक है या फिर उसका उद्गम बाह्य अंतरिक्ष में कहीं है। कांग्रेस में हुई सुनवाई में अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने माना था कि उड़नतशतरियों के बहुत से मामले ऐसे हैं जिनकी विशेषज्ञों के पास कोई व्याख्या नहीं है।
 
नासा ने अपने बयान में कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि बाह्य अंतरिक्ष से कोई उड़नतशतरी आई। जुरबूखेन ने कहा कि एजेंसी की कोशिश और ज्यादा डेटा उपलब्ध कराना है जिसके लिए नासा के वैज्ञानिक, उपग्रह और सेंसर आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। ईवान्स ने कहा, "पहला कदम तो यह तय करना है कि हमारे पास क्या डेटा उपलब्ध है।"
 
पिछले कुछ समय में अमेरिका ने उड़नतशतरियों को लेकर बहुत गंभीरता दिखाई है। पहले रक्षा मंत्रालय ने अध्ययन किया और अब नासा को इस काम में लगाया गया है। लगभग 50 साल से, जबकि उड़नतशतरियों के देखे जाने की सूचनाएं आने लगीं, अमेरिका इन्हें लगातार खारिज करता रहा है। लेकिन पिछले दिनों अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने ऐसे वीडियो जारी किए जिनमें उड़ती हुईं चीजों को देखा जा सकता है, जो क्या हैं यह कोई नहीं जानता।
 
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
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