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Written By DW
Last Updated : मंगलवार, 16 जनवरी 2024 (17:48 IST)

विश्व आर्थिक मंच में अपनी उपलब्धियां दुनिया को दिखाएगा भारत, स्मृति ईरानी करेंगी नेतृत्व

विश्व आर्थिक मंच में अपनी उपलब्धियां दुनिया को दिखाएगा भारत, स्मृति ईरानी करेंगी नेतृत्व - India will show its achievements to the world in the World Economic Forum
-आशुतोष पाण्डेय
 
World Economic Forum : स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच में भारतीय दल का नेतृत्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी करेंगी। उनके अलावा कई प्रमुख मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भी वहां मौजूद होंगे। दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की शुरुआत सहारा रेगिस्तान और अमेजन वर्षावनों को समर्पित एक आयोजन के साथ हुई। भारत इस बार दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक फोरम में दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के तौर पर पहुंचा है।
 
इस बार फोरम के एजेंडे में युद्ध जैसी भू-राजनीतिक चुनौतियां, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उससे जुड़े वैश्विक कानून, महंगाई और ऊंची ब्याज दरें हैं। विश्वभर से आने वाले उद्यमियों और राजनेताओं का यह वैश्विक जमावड़ा हर साल जनवरी में स्विट्जरलैंड के दावोस में होता है। इस दौरान आल्प्स पहाड़ों के बीच बचा यह कस्बा बर्फ की सफेद चादर से घिरा होता है।
 
भारत की ओर से स्मृति ईरानी करेंगी नेतृत्व
 
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल यहां पहुंचा है। इस प्रतिनिधिमंडल में ईरानी के अलावा केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी शामिल हैं। उनके अलावा कुछ अन्य वरिष्ठ मंत्री भी यहां फोरम में भाग लेने वाले हैं। इनके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास के भी फोरम में शामिल होने की संभावना है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी भाग लेंगे।
 
भारत के एजेंडे में वैश्विक छवि
 
जबकि इस साल दावोस का फोकस एआई की बड़ी खोजों पर होगा, तो इस दौरान भारत भी अपनी रिसर्च और खोज करने की क्षमताओं को वैश्विक निवेशकों के सामने रखने की कोशिश करेगा। लंबे समय से भारत डिजिटल क्षमताओं से लैस वर्कफोर्स का जिक्र वैश्विक मंचों पर करता आया है।
 
भारत इस मंच पर अपने उन आर्थिक सुधारों का भी प्रदर्शन करेगा, जो देश में पिछले कुछ वर्षों में लागू किए गए हैं। इनमें पीएलआई यानी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना, दिवालिया कानून और मेक इन इंडिया जैसे अभियान शामिल हैं।
 
भारत के पैवेलियन में राज्यों की खासियतें भी
 
इस बार दावोस में भारत की आर्थिक सफलता की कहानियां कहने वाले तीन पैवेलियन लगाए गए हैं। इनमें डिजिटल लेन-देन में भारत की सफलता, खासकर यूपीआई को लेकर, इसके स्टार्टअप जगत का उभार और ऊर्जा के क्षेत्र का प्रसार दिखाया गया है। भारतीय पैवेलियन में कई राज्यों के पैवेलियन भी शामिल किए गए हैं। यहां पर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और उत्तरप्रदेश के पैवेलियन भी हैं।
 
इन जाने-माने लोगों पर होंगी निगाहें
 
दावोस में सबकी नजरें हिस्सा ले रहे जिन नेताओं पर होंगी, उनमें चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेर लाएन, नाटो के महासचिव येंस स्टॉल्टेनबर्ग और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की शामिल हैं।
 
इनके अलावा आर्थिक जगत और बिजनेस की बड़ी हस्तियों में आईएमएफ की उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ, माक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन हिस्सा लेंगे। ये सभी हस्तियां इस फोरम के दौरान अहम विषयों पर अपने विचार रखने वाले हैं।
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