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Written By DW
Last Updated : शुक्रवार, 29 सितम्बर 2023 (18:42 IST)

जर्मनी को इस साल आधी से ज्यादा बिजली अक्षय स्रोतों से मिली

जर्मनी को इस साल आधी से ज्यादा बिजली अक्षय स्रोतों से मिली - Germany got more than half of its electricity this year from renewable sources
इस साल जर्मनी ने जितनी बिजली का उपयोग किया, उसका आधे से ज्यादा हिस्सा अक्षय ऊर्जा से हासिल हुआ। रूस से गैस की सप्लाई बंद होने के बाद जर्मनी ने वैकल्पिक उपायों पर तेजी से कदम बढ़ाए हैं। जर्मनी में बिजली के इस्तेमाल का यह आंकड़ा पहली 3 तिमाहियों का है। यह आंकड़ा जेएसडब्ल्यू रिसर्च सेंटर और जर्मनी की यूटिलिटी इंडस्ट्री एसोसिएशन बीडीईडब्ल्यू ने जुटाया है।

शुरुआती गणनाओं से पता चल रहा है कि जर्मनी में जो बिजली उपयोग की जा रही है, उसका लगभग 52 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा स्रोतों से हासिल हुआ। यह पिछले साल की इसी अवधि में अक्षय ऊर्जा से प्राप्त बिजली की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा है।
 
अक्षय ऊर्जा का विस्तार
 
अक्षय ऊर्जा स्रोतों का विस्तार जर्मन सरकार के जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही जर्मनी जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को तेजी से घटाने में जुटा है। बीडीईडब्ल्यू की प्रबंध निदेशक केर्स्टिन आंद्रे का कहना है कि फोटोवोल्टाइक सिस्टमों ने खासतौर से बिजली की सप्लाई में बहुत बड़ा योगदान दिया है। हालांकि यह भी साफ है कि अक्षय ऊर्जा से बिजली का उत्पादन घटता-बढ़ता रहता है।
 
जब सूरज की रोशनी में तेज नहीं होता या फिर सूरज निकलता ही नहीं या फिर इतनी हवा नहीं चलती कि पवन चक्कियों के डैने घूम सकें तब अक्षय ऊर्जा से मिलने वाली बिजली की मात्रा घट जाती है। हालांकि ऐसे समय में गैस से चलने वाले बिजली संयंत्रों को चलाने के लिए हाइड्रोजन का इस्तेमाल हो सकता है। आंद्रे ने कहा, 'इसलिए यह जरूरी है कि इस तरह के लचीले बिजली संयंत्रों का निर्माण किया जाए और निवेश की सुरक्षा तय की जा सके।'
 
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने की मुहिम
 
जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने के लिए यूरोपीय संघ में विशेष तौर पर दबाव बनाया जा रहा है। यूरोपीय संघ कानूनी रूप से बाध्यकारी एक लक्ष्य तय करने में जुटा है जिसमें 2030 तक समस्त ऊर्जा का 42 फीसदी अक्षय ऊर्जा स्रोतों से लेने की बात है।
 
यूक्रेन पर रूसी हमले और फिर नॉर्ड स्ट्रीम 1 पाइपलाइन में धमाके के बाद जर्मनी के लिए गुजरा साल काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। एक तरफ गैस और तेल की सप्लाई घट गई और कीमतें बढ़ गईं, वहीं जलवायु लक्ष्यों को पूरा करने की ओर बढ़ने का दबाव भी बढ़ गया। ऐसी परिस्थितियों में जर्मनी ने अक्षय ऊर्जा स्रोतों की ओर तेजी से कदम बढ़ाए हैं जिसका कुछ नतीजा इन आंकड़ों में दिख रहा है। हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
 
ऊर्जा संकट के दौर में जर्मनी को कोयले और परमाणु ऊर्जा से चलने वाले बिजलीघरों का भी इस्तेमाल करना पड़ा। जर्मनी पिछले कुछ सालों से इन बिजली घरों से छुटकारा पाने की कोशिश में है और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले सालों में यह लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
 
-एनआर/ओएसजे (डीपीए)
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