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Written By DW
Last Updated : बुधवार, 17 मार्च 2021 (09:29 IST)

अप्रैल में भारत आएंगे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, ब्रेक्जिट के बाद पहली बड़ी यात्रा

अप्रैल में भारत आएंगे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री, ब्रेक्जिट के बाद पहली बड़ी यात्रा - British Prime Minister to visit India in April, first major visit after Brexit
यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री अपनी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय यात्रा के तहत भारत आने वाले हैं। जॉनसन को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर आना था लेकिन कोरोना की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया था।
 
प्रधानमंत्री बॉरिस जॉनसन के कार्यालय ने बताया है कि उनका भारत दौरा अप्रैल के आखिर में होगा। ब्रिटेन द्वारा यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद जॉनसन की यह पहली प्रमुख अंतरराष्ट्रीय यात्रा होगी। यात्रा का उद्देश्य यूके के लिए क्षेत्र में और अधिक अवसरों को तलाशना होगा। जॉनसन इसी साल जनवरी में भारत की यात्रा पर आने वाले थे लेकिन अपने देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण उन्होंने ऐन वक्त पर अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। उस दौरान जॉनसन ने दोनों देशों के बीच व्यापार वार्ता को गति देने की कोशिश के तहत अपनी यात्रा की योजना बनाई थी।
 
उस समय उनके कार्यालय ने कहा था कि वे जून में होने वाले जी-7 की बैठक से पहले भारत का दौरा करना चाहते हैं। अमीर देशों के समूह जी-7 में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं। जून में होने वाली बैठक के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रण मिला है।
 
हिन्द-प्रशांत पर ब्रिटेन की भी नजर
 
जॉनसन सरकार का कहना है कि वह अपना ध्यान हिन्द-प्रशांत की ओर और अधिक झुकाएगी तथा सरकार ने इसे अपने आने वाले सालों के लिए अपनी नीति का हिस्सा बताया है। उसका कहना है कि क्षेत्र दुनिया के भू-राजनीतिक केंद्र का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले महीने ही ब्रिटेन ने कॉम्प्रिहेन्सिव एंड प्रोग्रेसिव एग्रीमेन्ट फॉर ट्रांस-पैसिफिक पार्टनरशिप (सीपीटीपीपी) में शामिल होने का आवेदन किया था। यह 11 विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के दुनिया के सबसे बड़े मुक्त-व्यापार क्षेत्रों में से है। ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन इसके जरिए नए व्यापार और प्रभाव के लिए रास्ते खोलना चाहता है। यही नहीं, उसने एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस के संवाद सहयोगी बनने के लिए भी आवेदन किया है।
 
हालांकि कुछ बातों को लेकर भारत में सांसद ब्रिटेन की निंदा कर रहे हैं, जैसे कि किसान आंदोलन पर ब्रिटेन की संसद में चर्चा। बीते दिनों ब्रिटेन की संसद में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई थी जिसके बाद भारत ने कड़ा विरोध जताया था। 15 मार्च को राज्यसभा में ब्रिटेन में नस्लभेद का मुद्दा उठा था। बीजेपी सांसद अश्विनी वैष्णव ने ऑक्सफोर्ड में भारत की छात्रा के साथ नस्लवाद का मुद्दा उठाया, इसके जवाब में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा अगर जरूरत हुई तो यूके के साथ यह मुद्दा उठाएंगे। उन्होंने कहा कि जरूरत हुई तो नस्लभेद का मामला यूके ले जाएंगे। भारत महात्मा गांधी के विचारों को तवज्जो देने वाला देश है, जहां रंगभेद और नस्लवाद की कोई जगह नहीं है।
 
एए/सीके (रॉयटर्स)
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