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Written By DW
Last Modified: बुधवार, 24 जुलाई 2013 (11:34 IST)

लोकप्रिय हो रहा है हवाई योग

लोकप्रिय हो रहा है हवाई योग -
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बर्लिन में ब्योर्न हॉयके के योग विद्यालय के छात्र अजीब तरह के शारीरिक अभ्यास से परिचित हैं। चाहे सर पर खड़ा होना हो, हाथों पर या जमीन से ऊपर उठना। हवा में उठने की कला इन दिनों जर्मनी में खूब पसंद की जा रही है।

छत से नायलोन के तीन मीटर के कपड़े टंगे हैं और योग क्लास में हिस्सा लेने वाले उसका इस्तेमाल जमीन से कुछ सेंटीमीटर ऊपर हवा में लहराने के लिए करते हैं। हवाई योग में व्यायाम के लिए अपने ही शरीर के वजन का इस तरह इस्तेमाल होता है कि गुरुत्वाकर्षण राह में न आए। फ्लाइंग योगी हवा में लहराते हैं, लटकते हैं, चक्कर काटते हैं और हवा में कलाबाजियां खाते हैं।

बर्लिन के योग गुरु हॉयके बताते हैं, "हवाई योग का एक अहम हिस्सा है रिवर्स पोजिशनिंग।" कम अनुभव वाले योगियों को हवाई योग उन आसनों को आजमाने का मौका देता है जो आमतौर पर काफी समय से योगाभ्यास कर रहे अनुभवी लोग ही कर पाते हैं। मसलन शीर्षासन का मुश्किल अभ्यास हवाई योग में पांवों को छत से लटकने वाले कपड़ों में लपेट कर किया जाता है। हॉयके कहते हैं कि शीर्षासन शरीर के अंगों को उनकी मूल स्थिति से आजाद कर देता है और लोगों को रिलैक्स करने का मौका देता है।

हवाई योग का विचार नया नहीं है। जर्मनी की सारब्रुकेन यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेस की ऊशी मोरियाबादी कहती हैं, "इसकी जड़ें भारत की चिकित्सा और रोग निदान वाले योग में है।" उनका कहना है, "भारत में मरीजों को रस्सों का इस्तेमाल कर योगासन की स्थित में डाला जाता है।" योग, पिलाटेस, डांस और जिमनास्टिक के इस मेल को कई नामों से पुकारा जाता है।

हॉयके का कहना है कि एरियल योग जेनेरिक शब्द है जिसे ट्रेडमार्क नहीं कराया जा सकता। इल तरह के योग के लिए जिन नामों को रजिस्टर कराया गया है, उनमें कुछ एंटी ग्रैविटी योगा या फ्लाईयोगा हैं। चूंकि योग का कोई एक पंजीकृत रूप नहीं है, इसलिए बहुत से योग संगठन उसे पुरातन व्यायाम प्रणाली का हिस्सा नहीं मानते। हवाई योग भले ही असली योग न हो, मोरियाबादी उसे शारीरिक व्यायाम का बेहतरीन तरीका मानती हैं।

ऊशी मोरियाबादी का कहना है कि हवाई योग करने के लिए शारीरिक फिटनेस की जरूरत होती है, लेकिन इससे लाभ भी ज्यादा होता है। वे कहती हैं, "आप इसमें अपनी मांसपेशियों का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि आप जमीन को नहीं छू रहे हैं। यह एक ऐसा कदम है जिसे इंसान अकेला नहीं कर सकता।" कपड़े से शरीर को जोड़े रखने के लिए भी मांसपेशियों का इस्तेमाल होता है। मेरूदंड के व्यायाम का भी यह बहुत ही अच्छा तरीका है। दूसरी ओर हवा से लटक कर लहराने में मजा भी आता हैं।

योग गुरु हॉयके कहते हैं कि हवाई योग के दो पहलू हैं। "एक ओर यह बहुत ही आसान है क्योंकि आप तेजी से शीर्षासन जैसे योगाभ्यास का लक्ष्य पा सकते हैं। दूसरे ओर यह बहुत चुनौतीपूर्ण है क्योंकि योगाभ्यासों को सही ढंग से करने के लिए आपको बहुत ज्यादा अभ्यास की जरूरत होती है।" खासकर नौसिखुओं को हवाई योग सीखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

जो कोई भारहीनता का अनुभव करना चाहता है, लेकिन चोट लगने के खतरे से घबड़ता है, उसके लिए एक्वा-जिमनास्टिक अच्छा विकल्प है। पानी शरीर को उछाल देता है, इसलिए जोड़ों पर से दबाव हटा लेता है। यह गठिया जैसे रोगों के इलाज का बढ़या तरीका है।

- एमजे/एनआर (डीपीए)