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Last Modified: शुक्रवार, 19 अगस्त 2022 (17:10 IST)

CET Exam फिर से देने वालों के लिए अदालत ने रखा नए फार्मूले का प्रस्ताव

CET Exam फिर से देने वालों के लिए अदालत ने रखा नए फार्मूले का प्रस्ताव - The court proposed a new formula for those who re-appear in the CET exam
बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए 2022 संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी) संबंधी दुविधा की स्थिति को दूर करने के लिए एक नया फार्मूला प्रस्तावित किया है। अदालत ने अपने सुझाव में कहा कि पीयूसी और सीईटी के अंकों पर 25:75 के अनुपात में विचार किया जा सकता है।

अदालत 2020-21 में पीयूसी (प्री यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम) उत्तीर्ण करने वाले छात्रों के पीयूसी अंकों पर विचार नहीं करने संबंधी विवाद को लेकर सुनवाई कर रही है। अदालत ने गुरुवार को अपने सुझाव में कहा कि पीयूसी और सीईटी के अंकों पर 25:75 के अनुपात में विचार किया जा सकता है। उसने कहा कि छात्र एवं सरकार इस व्यवस्था के साथ एक साझा आधार तलाश सकते हैं।

कर्नाटक परीक्षा प्राधिकरण (केईए) ने अधिसूचित किया है कि रैंक तय करते समय 2020-21 बैच के छात्रों के दूसरी पीयूसी परीक्षा के अंकों पर विचार नहीं किया जाएगा और केवल उनके सीईटी अंकों पर विचार किया जाएगा। छात्रों को 2020-21 में कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण आंतरिक अंकों के आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया गया था।

इनमें से कई छात्रों ने इस साल पेशेवर पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन किया है। वे नियमित पाठ्यक्रम के दौरान 2021-22 में दूसरी पीयूसी परीक्षा देने वाले छात्रों के साथ इस बार परीक्षा में बैठेंगे। दोबारा परीक्षा देने वाले कुछ छात्रों ने अदालत में अनुरोध किया है कि उनकी सीईटी रैंक के लिए 2020-21 के पीयूसी अंक और सीईटी के अंकों पर 50:50 के अनुपात में विचार किया जाना चाहिए।

न्यायमूर्ति आरएस कृष्ण कुमार की पीठ इस संबंध में छात्रों द्वारा दाखिल सात अलग-अलग याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। अदालत ने गुरुवार को एक मौखिक टिप्पणी की कि यदि केईए 25:75 के फार्मूले को अपनाने पर राजी हो जाता है, तो 90 प्रतिशत समस्या दूर हो जाएगी।
 
अतिरिक्त महाधिवक्ता ध्यान चिनप्पा ने इस सुझाव पर सरकार का जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।मामले में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी।(भाषा)
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