178 साल पुरानी ट्रैवल कंपनी Thomas Cook बंद, फंसे 1.50 लाख लोग, भारत पर क्या होगा असर
ब्रिटेन की 178 साल पुरानी हॉलीडे ट्रेवल कंपनी थॉमस कुक (Thomas Cook) ने कारोबार बंद करने की घोषणा कर दी है। आर्थिक परेशानियों से जूझ कंपनी को आखिरी समय में रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड (आरबीएस) ने अतिरिक्त 20 करोड़ पाउंड की मांग को लेकर झटका दे दिया। कंपनी बंद होने से 22,000 लोगों की नौकरियों पर संकट के बाद मंडरा रहे हैं। इनमें से 9000 कर्मचारी ब्रिटेन में हैं। कंपनी के अचानक बंद होने से छुट्टियां मनाने निकले लोग भी फंस गए। थॉमस कुक के दिवालिया होने का असर भारत पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि थॉमस कुक इंडिया (Thomas Cook India) ग्रुप पूरी तरह एक अलग एंटिटी है।
खबरों के अनुसार कंपनी ने बैंकों से भी एडिशनल फंड की मांग की थी। इसे मंजूरी नहीं मिली। कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी को बंद करने के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था।
डेढ़ लाख लोग फंसे : ट्रेवल कंपनी के अचानक बंद होने से छुट्टियां मनाने घर से निकले करीब 1.50 लाख लोग इधर-उधर फंस गए। कंपनी ने कहा था कि कारोबार जारी रखने के लिए उसे 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है जबकि पिछले महीने कंपनी 90 करोड़ पाउंड हासिल करने में कामयाब रही थी। निजी निवेश जुटाने में असफल रही कंपनी को सरकार के हस्तक्षेप से ही बचाया जा सकता था।
कंपनी ने मांगी माफी : कंपनी के बंद होने से कर्मचारी ही नहीं बल्कि ग्राहक, सप्लायर और कंपनी के साझेदार भी प्रभावित होंगे। थॉमस कुक के चीफ एक्जीक्यूटिव पीटर फैंकहॉजर ने ग्राहकों, सप्लायर्स, कर्मचारी और पार्टनर्स से माफी मांगी।
यूके के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) ने कहा है कि 23 सितंबर से लेकर 6 अक्टूबर तक रेगुलेटर व सरकार 150,000 से अधिक ब्रिटिश ग्राहकों को घर वापस लाने के लिए मिलकर काम करेंगे। सीएए ने ट्वीट कर जानकारी दी कि सभी बुकिंग्स रद्द कर दी गई है।
सबसे पुरानी कंपनी : थॉमस कुक ने 1841 के ट्रैवल इंडस्ट्री में कदम रखते हुए कंपनी की स्थापना की थी। कंपनी ब्रिटेन के शहरों के बीच ट्रेन से सफर करवाती थी। कंपनी जल्द ही विदेशी ट्रिप्स कराने लगी। 1855 में कंपनी पहली ऐसी ऑपरेटर बनी जो ब्रिटिश यात्रियों को एस्कॉर्ट ट्रिप पर यूरोपीय देशों में ले जाती थी। इसके बाद 1866 में कंपनी अमेरिका ट्रिप सर्विस देने लगी और 1872 में पूरी दुनिया के टूर सर्विस देने लगी।
भारत पर नहीं पड़ेगा असर : थॉमस कुक के दिवालिया होने का असर भारत पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि थॉमस कुक इंडिया (Thomas Cook India) ग्रुप पूरी तरह एक अलग एंटिटी है। साल 2012 में थॉमस कुक इंडिया में फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स ने हिस्सेदारी ली थी। बाद में थॉमस कुक इंडिया का स्वामित्व फेयरफैक्स के पास चला गया। फेयरफैक्स एक कनाडा बेस्ड मल्टिनेशनल इन्वेस्टमेंट कंपनी है।
थॉमस कुक इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि 2012 में फेयरफैक्स फाइनेंशियल होल्डिंग्स द्वारा थॉमस कुक इंडिया लिमिटेड (TCIL) में 77 फीसद शेयर खरीदने के बाद वह पिछले 7 वर्षों से एक इनडिपेंडेंट एंटिटी के रूप में लगातार सफलतापूर्वक विकास कर रही है। थॉमस कुक इंडिया ने पिछले शनिवार को कहा था कि वह ब्रिटेन बेस्ड थॉमस कुक पीएलसी से संबंध नहीं रखती है।