7वें दिन पेट्रोल-डीजल की कीमतों में नहीं मिली राहत, ट्रांसपोर्टर्स ने दी हड़ताल की चेतावनी
नई दिल्ली। देश की जनता को पेट्रोल-डीजल के दामों में कोई राहत नहीं मिल रही है। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से लगातार 7वें दिन भी पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। सोमवार को डीजल की कीमत में 29 से 30 पैसे तक की बढ़ोतरी हुई है, तो वहीं पेट्रोल की कीमत 25 से 26 पैसे तक बढ़ी है।
दिल्ली और मुंबई में पेट्रोल की कीमत अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। देश के कई शहरों में पेट्रोल के दाम 100 के करीब पहुंच गए हैं। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 89 रुपए के करीब जबकि मुंबई में 95.46 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। वहीं, दिल्ली में डीजल 79.35 रुपए तो मुंबई में 86.34 रुपए में मिलेगा। मुंबई में डीजल के दाम अपने उच्चतम स्तर पर हैं। 7 दिनों के दौरान पेट्रोल के दाम में 2.06 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल में 2.27 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई।
सिलेंडर भी हुआ महंगा : दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर के भावों में भी बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली में 14.2 किलो वाले एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder) के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं जबकि नई कीमत आज से लागू होगी। कीमत में इजाफा होने के बाद अब दिल्ली के लोगों को 14.2 किलो वाले रसोई गैस सिलेंडर के लिए 769 रुपए अदा देने होंगे।
ट्रांसपोर्टरों ने दी हड़ताल की धमकी : डीजल की बढ़ती कीमतों और उच्च कर का विरोध करते हुए ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल पर जाने की रविवार को चेतावनी दी। ट्रांसपोर्टरों के शीर्ष संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने कहा कि डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
इसके अलावा कर की उच्च दरें, ई-वे बिल से संबंधित कई बातों और वाहनों को कबाड़ करने की मौजूदा नीति आदि पर एआईएमटीसी की संचालन परिषद में चर्चा की गई। एआईएमटीसी लगभग 95 लाख ट्रक ड्राइवरों और लगभग 50 लाख बसों व पर्यटक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।
संगठन ने बयान में कहा कि उसके राष्ट्रीय नेतृत्व ने मांगों के समाधान की दिशा में प्रक्रिया शुरू करने के लिये सरकार को 14 दिन का नोटिस जारी करने का निर्णय लिया है। प्रमुख मांगों में डीजल की कीमतों में तत्काल कमी और इसमें एकरूपता, ई-वे बिल व जीएसटी से संबंधित मुद्दों का समाधान और वाहनों को कबाड़ करने की नीति को अमल में लाने से पहले ट्रांसपोर्टरों के साथ इस बारे में चर्चा शामिल है। संगठन ने कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो वे देश भर में परिचालन बंद करने को बाध्य होंगे। (इनपुट भाषा)