पेट्रोल- डीजल की कीमत में लगी आग के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार की नीतियों को ठहराया जिम्मेदार
नई दिल्ली। कांग्रेस ने ईंधन की कीमतों में भारी वृद्धि को लेकर रविवार को केन्द्र सरकार की आलोचना की और लोगों को राहत देने के वास्ते केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में बढ़ोतरी को तुरंत वापस लिए जाने की मांग की।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि लोग मंहगाई की मार झेल रहे हैं और मोदी सरकार कर इकट्ठा करने में व्यस्त है।
एक सप्ताह में चौथी बार कीमतों में वृद्धि के बाद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के अब तक की सर्वाधिक ऊंचाई पर पहुंचने के एक दिन बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह टिप्पणी की।
कांग्रेस प्रवक्ता अजय माकन ने रविवार को दिल्ली में कहा कि पेट्रोल की कीमत 85.70 रुपए प्रति लीटर हो गई और डीजल 75.88 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया हैं।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस के शासन के दौरान जब हमने मई, 2014 में सत्ता छोड़ी थी, तब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन पेट्रोल और डीजल की कीमतें क्रमश: 71.51 रुपए और 57.28 रुपए प्रति लीटर थी और अब कच्चे तेल की कीमतें उस समय की तुलना में आधी हो गई है लेकिन आज दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़कर क्रमश: 85.70 रुपए प्रति लीटर और 75.88 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गई है।
माकन ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने पिछले साढ़े छ: वर्षों में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 20,00,000 करोड़ रुपए अर्जित किए है। उन्होंने कहा कि अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि यह 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक कहां गए। माकन ने पूछा कि क्या यह नरेन्द्र मोदी के पूंजीवादी मित्रों की जेब में गया है। कांग्रेस, सरकार से यही जानना चाहती है। इससे पहले गांधी ने एक ट्वीट कर कहा कि मोदीजी जीडीपी- गैस, डीजल और पेट्रोल में बेतहाशा वृद्धि लाए हैं। उन्होंने कहा कि लोग मंहगाई से परेशान है और मोदी सरकार कर इकट्ठा करने में व्यस्त है।
गौरतलब है कि कीमतों में वृद्धि के बाद शनिवार को दिल्ली में पेट्रोल के दाम 85.70 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 92.28 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। इसी प्रकार से दिल्ली में डीजल के दाम 75.88 रुपए प्रति लीटर और मुंबई में 82.66 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं।
माकन ने पूछा कि हमारे जवानों के महंगाई भत्ते में कटौती की जा रही है, हमारे एमएसएमई बैंकों का ऋण चुकाने के दबाव में हैं, कराधान अधिकारियों के दबाव में है, देशभर में व्यापक बेरोजगारी है, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, तो यह राशि कहां गई?
माकन ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को लेकर भी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार में सब्सिडी पर 12 सिलेंडर दिए जाते थे, जिसे अब वापस ले लिया गया है। (भाषा)