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Last Updated : गुरुवार, 27 नवंबर 2025 (17:28 IST)

SIR सर्वे का कमाल, 40 साल के बाद घर लौटा बिछड़ा बेटा, देखते ही भावुक हुई मां, कहा— मेरो लाल मिल गयो

SIR
Photo : social media
कभी कभी चमत्‍कार हो जाता है और यह चमत्‍कार ऐसे सामने आता है कि यकीन करना मुश्‍किल हो जाता है। एसआईआर सर्वे के दौरान एक ऐसी हैरान करने वाली घटना सामने आई है। जिसमें सालों से बिछड़े बेटे को मां से मिला दिया। यह वाकया जानकर पूरा गांव भावुक हो गया और मां की आंखें भर आईं।

दरअसल, भीलवाड़ा जिले के करेड़ा तहसील के जोगीधोरा गांव के रहने वाले उदय सिंह रावत लगभग 40 साल पहले लापता होने के बाद अपने परिवार से फिर मिल गए हैं। साल 1980 में उदय सिंह आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। गर्मियों की छुट्टियों में अपने परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण वे कमाने के लिए घर से बाहर गए थे। वे छत्तीसगढ़ में एक निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करने लगे। वहीं, एक सड़क दुर्घटना में उनकी याददाश्त चली गई, जिसके बाद उदय सिंह अपने गांव और परिवार को पूरी तरह से भूल गए। उनके परिजन दशकों तक उन्हें खोजते रहे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।

SIR ने मिला दिया बिछड़ों को: हाल ही में भारत निर्वाचन विभाग की ओर से देश के कई राज्यों में चलाए जा रहे मतदाता सूची के सत्यापन और संशोधन (SIR) अभियान ने इस बिछड़े हुए परिवार को मिलाने का काम किया। उदय सिंह भीलवाड़ा के सुराज गांव स्थित एक स्कूल में वोटर फॉर्म की जानकारी लेने पहुंचे। उनके द्वारा दी गई जानकारी और रिकॉर्ड मिलान के समय स्कूल के शिक्षक जीवन सिंह को शक हुआ। शिक्षक ने तुरंत शिवपुर पंचायत के जोगीधोरा गांव में उदय सिंह के परिजनों को सूचना दी। परिजनों के स्कूल पहुंचते ही उदय सिंह और परिवार की भावनात्मक पुनर्मिलन प्रक्रिया शुरू हुई।

मेरो लाल मिल गयो : उदय सिंह के भाई हेमसिंह रावत ने बताया कि शुरुआत में विश्वास करना कठिन था। लेकिन जब उदय ने परिवार की व्यक्तिगत यादों और बचपन की बातें बताईं, तो उन्हें यकीन हो गया कि सामने उनका ही भाई खड़ा है। पहचान की अंतिम पुष्टि तब हुई जब उदय सिंह की मां चुनी देवी रावत ने बेटे के माथे और सीने पर बचपन में बबूल की टहनी से लगे हुए पुराने घावों के निशान देखे। घावों का मिलान होते ही ममता से ओत-प्रोत चुनी देवी ने बेटे के माथे को चूमा और कहा, "यो ही म्हारो उदय... मेरो लाल मिल गयो।" यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए अत्यंत भावुक कर देने वाला था।

पूरा गांव हुआ भावुक, यूं किया स्वागत : पहचान होते ही पूरा गांव भावुक हो गया। मां की आंखों में आंसू थे। बाद में गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। परिजन और ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों और डीजे के साथ जुलूस निकालकर उदय सिंह का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया और उन्हें घर ले जाया गया। उदय सिंह ने भी इस पुनर्मिलन पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि एक्सीडेंट के बाद उनकी स्मृतियां चली गई थीं और वह चुनाव आयोग के SIR अभियान के चलते ही परिवार से जुड़ पाए हैं। 
Edited By: Navin Rangiyal