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Last Updated : गुरुवार, 27 नवंबर 2025 (12:55 IST)

अब SIR में OTP से सेंधमारी, सायबर अपराधी सक्रिय, क्राइम ब्रांच ने जारी की एडवाइजरी, जानिए कैसे रहे अलर्ट?

इंदौर क्राइम ब्रांच ने जारी की एडवाइजरी, दिया टोल फ्री नंबर

SIR
लोगों को लूटने के लिए ठग कोई न कोई नया तरीका ईजाद कर ही लेते हैं। अब सायबर ठगों ने SIR के सर्वे में भी सेंधमारी कर ली है। SIR में ओटीपी का खेल खेलकर आम लोगों को ठगने की करतूत को अंजाम दिया जा रहा है। जिन लोगों को इसकी जानकारी नहीं है, वे इसका शिकार हो रहे हैं।

दरअसल, मध्यप्रदेश में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR 2026) के बीच साइबर ठगों ने धोखाधड़ी का नया तरीका निकाला है। वे वेरिफिकेशन के नाम पर लोगों से ओटीपी मांगकर उनके बैंक खाते खाली कर रहे हैं। धांधली के कुछ मामले सामने आने के बाद अब क्राइम ब्रांच इंदौर ने इसे लेकर गाइडलाइन जारी की है और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।

क्‍या है पूरा मामला : मध्यप्रदेश में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR 2026) का कार्य 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चल रहा है। बीएलओ घर- घर जाकर लोगों से इसके फॉर्म भरवा रहे हैं। इसमें मतदाताओं को अपनी जानकारी देना होती है, ताकि वे वोट कर सकें। लेकिन इस बीच एसआईआर फॉर्म के नाम पर एक नया ऑनलाइन स्कैम तेजी से फैल रहा है। ठग किसी सरकारी प्रक्रिया या वेरिफिकेशन का हवाला देकर लोगों को कॉल करते हैं और एसआईआर फॉर्म पूरा कराने के बहाने उनका ओटीपी मांग लेते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति ओटीपी साझा करता है, स्कैमर्स उसके मोबाइल और बैंकिंग से जुड़े खातों तक पहुंच बनाकर आर्थिक नुकसान पहुंचा देते हैं।

इंदौर क्राइम ब्रांच ने जारी की एडवाइजरी : लगतार बढते ऐसे मामलों को कंट्रोल करने के लिए अब इंदौर क्राइम ब्रांच ने एडवाइजरी जारी कर लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। क्राइम ब्रांच ने बताया है कि एसआईआर फॉर्म भरने की प्रोसेस में किसी भी प्रकार के ओटीपी की जरूरत नहीं होती। इसलिए यदि कोई व्यक्ति आपसे एसआईआर प्रक्रिया पूरी कराने का दावा करते हुए ओटीपी मांगे तो तुरंत सावधान हो जाएं और ऐसी जानकारी किसी के साथ साझा न करें।

क्‍या कहा पुलिस ने : इस मामले में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा कि जागरूकता ही ऐसे सायबर अपराधों से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। उन्होंने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को किसी भी तरह का ओटीपी नहीं देने की अपील की है। उन्‍होंने बताया कि एसआईआर की प्रक्रिया में किसी तरह के ओटीपी की जरूरत ही नहीं है, ऐसे में कोई भी इसे लेकर ओटीपी मांगे तो कतई न दें और पुलिस को सूचना दे।

एसआईआर स्‍कैम में क्‍या है पुलिस की एडवाइजरी?
SIR टोल फ्री नंबर: मतदाता राज्य के टोल-फ्री नंबर 1950 पर भी जानकारी ले सकते हैं।

ओटीपी शेयर न करें : एसआईआर-2026 में गणना पत्रक के लिए बीएलओ या किसी भी अन्य अधिकारी द्वारा ओटीपी नहीं मांगा जा सकता। किसी को इस तरह कोई ओटीपी न दें।

कहां मिलेगी साल 2003 की जानकारी : साल 2003 की मतदाता सूची में स्वयं, माता-पिता या दादा-दादी संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए मतदाता अपने क्षेत्र के बीएलओ अथवा नजदीकी हेल्पडेस्क से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा जानकारी ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ceoelection.mp.gov.in पर भी प्राप्त की जा सकती है।

निःशुल्क है प्रक्रिया : एसआईआर प्रक्रिया पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी प्रकार की फीस, प्रोसेसिंग चार्ज या भुगतान करने के लिए कहे जाने पर ध्यान दें-ऐसे संदेश/कॉल धोखाधड़ी हो सकते हैं। व्हॉट्सऐप या सोशल मीडिया पर मिले लिंक न खोलें। 'आपका वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा', 'तुरंत एसआईआर भरें' जैसे संदेश फर्जी हो सकते हैं। एसआईआर के लिए साइबर कैफे का उपयोग करते समय सतर्क रहें। ऑटो-सेव बंद रखें, कार्य समाप्त होने पर ब्राउजर इतिहास/कैश साफ करें और अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें। किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट राष्ट्रीय सायबर अपराध पोर्टल: www.cybercrime.gov.in अथवा हेल्पलाइन: 1930 पर करें।
Edited By: Navin Rangiyal
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