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Last Updated :नई दिल्ली , मंगलवार, 28 जनवरी 2025 (18:27 IST)

Real estate sector: 1 करोड़ रुपए से कम कीमत के घरों की आपूर्ति पिछले साल घटी 30 प्रतिशत

Real estate sector: 1 करोड़ रुपए से कम कीमत के घरों की आपूर्ति पिछले साल घटी 30 प्रतिशत - Supply of houses priced below Rs 1 crore fell by 30 percent last year
Real estate sector: पिछले साल देश के 9 प्रमुख शहरों में 1 करोड़ (1 crore) रुपए तक की कीमत वाले किफायती और मध्यम आय वर्ग के लिए घरों की नई आपूर्ति 30 प्रतिशत घटकर लगभग 1.99 लाख इकाई रह गई। रियल एस्टेट (real estate) क्षेत्र के आंकड़ों का विश्लेषक करने वाली कंपनी प्रॉपइक्विटी (PropEquity) ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
 
भारत के प्रमुख 9 शहर आवास संकट का सामना कर रहे : प्रॉपइक्विटी ने मंगलवार को बताया कि भारत के प्रमुख 9 शहर आवास संकट का सामना कर रहे हैं। अधिकांश भारतीय नौकरी के लिए इन शहरों का रुख करते हैं। प्रॉपइक्विटी ने किफायती और मध्यम आय वाले घरों की नई आपूर्ति में इस गिरावट का कारण यह है कि आज बिल्डर लक्जरी घर बनाने की ओर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।ALSO READ: Budget 2025 : किफायती आवास परियोजनाओं पर हो आयकर की दर 15% से कम, CREDAI ने दिया यह सुझाव
 
घरों की आपूर्ति 2024 में 1,98,926 इकाई रह गई : प्रमुख 9 शहरों में किफायती और मध्यम आय वर्ग (1 करोड़ रुपए और उससे कम कीमत) में घरों की आपूर्ति 2024 में 1,98,926 इकाई रह गई है, जो 2023 में 2,83,323 इकाई थी, वहीं साल 2022 में इस खंड में घरों की आपूर्ति 3,10,216 इकाई थी।ALSO READ: ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर किए हस्ताक्षर, ट्रांसजेंडर सैनिकों पर लग सकता है प्रतिबंध
 
भारत की 8 प्रतिशत आबादी पहली श्रेणी के शहरों में : प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसूजा ने कहा कि आज भारत की 8 प्रतिशत आबादी पहली श्रेणी के शहरों में रहती है और अगले 5 वर्षों में यह संख्या तेजी से बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि अधिक लोग रोजगार के अवसरों के लिए इन शहरों में जा रहे हैं।ALSO READ: खरगे के बयान पर भड़के रमेश मेंदोला, कहा, कांग्रेस तो मुस्लिम लीग से बढ़कर हिंदू विरोधी हो गई
 
उन्होंने कहा कि यदि सरकार द्वारा समय रहते इस श्रेणी में आपूर्ति की कमी पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे आस्ट्रेलिया और कनाडा जैसा आवास संकट पैदा हो जाएगा। जसूजा ने कहा कि बढ़ते प्रवास और एकल परिवारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अनुमान है कि अगले 5 साल में इन शहरों में 1.5 करोड़ घरों की आवश्यकता होगी।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta