फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी पर उठे सवाल, VC ने इस तरह दी सफाई
अल-फलाह विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. भूपिंदर कौर आनंद ने एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया है कि हम इस दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम से व्यथित हैं और इसकी निंदा करते हैं। हमें यह भी पता चला है कि हमारे 2 डॉक्टरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है। विश्वविद्यालय का इन व्यक्तियों से कोई संबंध नहीं है, सिवाय इसके कि वे विश्वविद्यालय में अपनी आधिकारिक क्षमता में काम कर रहे हैं।
कुलपति द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि हम ऐसे सभी झूठे और अपमानजनक आरोपों की कड़ी निंदा करते हैं और उनका स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। कुछ प्लेटफॉर्म द्वारा लगाए गए आरोपों के अनुसार, ऐसा कोई भी रसायन या सामग्री विश्वविद्यालय परिसर में इस्तेमाल, संग्रहीत या संभाली नहीं जा रही है।
बयान में कहा गया है कि विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं का उपयोग केवल और केवल MBBS छात्रों और अन्य अधिकृत पाठ्यक्रमों की शैक्षणिक और प्रशिक्षण आवश्यकताओं के लिए किया जाता है। विश्वविद्यालय संबंधित जांच अधिकारियों को अपना पूरा सहयोग दे रहा है ताकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मामले में तार्किक, निष्पक्ष और निर्णायक निर्णय पर पहुंच सकें।
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गौरतलब है कि हरियाणा में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी की वेबसाइट हैक कर ली गई थी। वेबसाइट की स्क्रीन पर एक धमकी भरे मैसेज में यूनिवर्सिटी को बंद करने और इस्लामिक जिहाद करने वालों को पाकिस्तान भेजने की बात कही गई। हालांकि कुछ ही घंटों में वेबसाइट को रिस्टोर कर लिया गया।
बहरहाल आज दिल्ली पुलिस के एक दल ने कैंपस में पहुंचकर जांच की। यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस का कोर्स साल 2019 से शुरू हुआ था। कहा जा रहा है कि इस यूनिवर्सिटी में 40% डॉक्टर्स कश्मीर से हैं।
edited by : Nrapendra Gupta