NSE को भारी पड़ी यह गलती, सेबी ने ठोक दिया 625 करोड़ का जुर्माना
मुंबई। शेयर बाजार नियामक सेबी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उस पर 625 करोड़ रुपए का जुर्माना ठोका है। सेबी ने NSE को एक जगह कुछ सर्वर को विशेष लाभ पहुंचाने के मामले में ब्याज सहित यह रकम लौटाने का आदेश दिया।
इस सबसे साथ ही सेबी ने एनएसई के दो पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारियों रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को पांच साल तक किसी सूचीबद्ध कंपनी के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगाया।
सेबी ने इस मामले में रवि नारायण और चित्रा रामकृष्ण को एक अवधि विशेष के दौरान प्राप्त वेतन के 25 प्रतिशत हिस्से को वापस करने के लिए भी कहा है।
साल 2015 में एक शिकायत के बाद एनएसई की को-लोकेशन सुविधा नियामकीय जांच के घेरे में आई। इस मामले में आदेश जारी करते हुए सेबी ने कहा कि एनएसई ने टिक- बाय-टिक (टीबीटी) डेटा रूपरेखा के संबंध में अपेक्षित प्रयास नहीं किया। टीबीटी डेटा फीड ऑर्डर बुक में हुए हर बदलाव के बारे में जानकारी देता है।
सेबी के पूर्ण कालिक सदस्य जी महालिंगम ने आदेश में कहा कि इसमें कोई संशय नहीं है कि शेयर बाजार ने टीबीटी रूपरेखा को लागू करने के समय आपेक्षित परिश्रम नहीं किया। इसके चलते एक ऐसा कारोबारी माहौल बना, जिसमें सूचनाओं का प्रसार असमान था। जिसे निष्पक्ष एवं उचित और न्यायसंगत नहीं माना जा सकता। वहीं, दूसरी तरफ सेबी ने नैशनल स्टॉक एक्सचेंज को अगले छह महीने तक कोई भी नया डेरिवेटिव उत्पाद पेश नहीं करने के लिए कहा है।