थॉमस अपनी उस हार्ड ड्राइव का पासवर्ड भूल चुके हैं। जिनमें उनके डिजिटल वॉलेट की की छिपी हैं। इसे अनलॉक करने के लिए 10 अवसर ही मिलते हैं। थॉमस आठ बार कोशिशें कर चुके हैं और अब उनके 7002 बिटकॉइन तक पहुंचने के सिर्फ दो ही मौके बचे हैं।
वहीं लॉस एंजोलिस में उद्यमी ब्रैड यासर बताते हैं मैंने कई साल से अपने डिजिटल वॉलेट का खोया पासवर्ड पाने के लिए सैकड़ों घंटे खर्च कर दिए, लेकिन सफलता नहीं मिली। इनमें रखे हजारों बिटकॉइनों की कीमत आज करोड़ों डॉलर हो गई है। अगर उन्हें पासवर्ड याद होता तो उनके पास सैकड़ों गुना पैसा होता।
क्रिप्टोकरंसी डाटा फर्म चाइनालिसिस के मुताबिक, इस वक्त दुनिया में करीब 1.85 करोड़ बिटकॉइन में से 20 फीसदी वॉलेट में फंसे हुए हैं।
क्या है बिटकॉइन : बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है जिसका इस्तेमाल वैश्वि︂क स्तर पर लेन-देन के लिए किया जा सकता है। कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्था के लेन-देन किया जा सकता है। बताया जाता है कि 2008-09 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बिटकॉइन को प्रचलन में लाया था। सरल शब्दों में यह आपका डिजिटल पर्स होता है जिसमें आपकी बिटकॉइन रखी होती है जिसे आप किसी दूसरे के पर्स में सीधे डाल सकते हैं। इस करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
कितनी सुरक्षित बिटकॉइन : बिटकॉइन में सावधानी जरूरी है। इस पर रिजर्व बैंक जैसे नियामक का नियंत्रण नहीं है। बिटकॉइन को लेकर दिसंबर 2013 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेतावनी जारी कर दी थी। इसमें अकाउंट हैक होने का खतरा भी रहता है। पासवर्ड अगर भूल गए तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। पासवर्ड भूलने के बाद इसकी रिकवरी नहीं हो सकती है, ऐसे में बड़ा नुकसान हो सकता है।