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Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : मंगलवार, 5 जनवरी 2021 (22:09 IST)

1 साल में दिया 300 प्रतिशत रिटर्न, कोरोनाकाल में क्रिप्टोकरंसी से निवेशक हुए मालामाल लेकिन...

1 साल में दिया 300 प्रतिशत रिटर्न, कोरोनाकाल में क्रिप्टोकरंसी से निवेशक हुए मालामाल लेकिन... - Bitcoin gave 300 percent return in 2020
नई दिल्ली। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन तीन साल बाद एक फिर चर्चा में है। शनिवार को 3 साल बाद एक बार फिर इसने 31000 डॉलर का आंकड़ा पार कर लिया। ऐसा माना जा रहा है कि यह आभासी मुद्रा की कीमत साल 2030 तक एक करोड़ तक पहुंच सकती है।
 
डिजिटल मुद्रा बिटकाइन इस समय सातवें आसमान पर है। ब्लूमबर्ग एजेंसी के अनुसार, इसका भाव अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 31,000 डॉलर के पार पहुंच गया, जो इसका नया रिकॉर्ड है। भारतीय करेंसी के हिसाब से देखें तो इसकी एक यूनिट की कीमत करीब 22.66 लाख रुपए के स्तर पर पहुंच गई। सोमवार को इसमें 17 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली थी।
 
जेपी मार्गेन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 31 दिसंबर 2019 को बिटकॉइन की कीमत 7212 डॉलर थी, जो 30 दिसंबर 2020 तक 28,599.99 डॉलर हो गई थी। बिटकॉइन ने 2020 में निवेशकों को 300 फीसदी का रिटर्न दिया है। 
 
दुनिया की सबसे बड़ी असेट मैनेजमेंट फर्म ब्लैकरॉक ने हाल ही में अनुमान जताया था कि सेफ हेवन चॉइस के तौर पर बिटकॉइन एक दिन सोने की जगह ले सकता है। इस वजह से भी बिटकॉइन की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ। 
 
क्या है बिटकॉइन : बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है जि‍सका इस्तेमाल वैश्वि︂क स्तर पर लेन-देन के लिए किया जा सकता है। कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्‍यस्‍था के लेन-देन किया जा सकता है। बताया जाता है कि 2008-09 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर बिटकॉइन को प्रचलन में लाया था। सरल शब्दों में यह आपका डिजिटल पर्स होता है जिसमें आपकी बिटकॉइन रखी होती है जिसे आप किसी दूसरे के पर्स में सीधे डाल सकते हैं। इस करेंसी को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
 
कितनी सुरक्षित बिटकॉइन : बिटकॉइन में सावधानी जरूरी है। इस पर रिजर्व बैंक जैसे नियामक का नियंत्रण नहीं है। बिटकॉइन को लेकर दिसंबर 2013 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चेतावनी जारी कर दी थी। इसमें अकाउंट हैक होने का खतरा भी रहता है। पासवर्ड अगर भूल गए तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। पासवर्ड भूलने के बाद इसकी रिकवरी नहीं हो सकती है, ऐसे में बड़ा नुकसान हो सकता है।
 
2018 में संसद में क्या बोले थे जेटली : 2 जनवरी 2018 को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान तत्कालिन वित्तमंत्री अरुण जेटली ने एक बयान में कहा था कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसियां (गुप्त लेनदेन में इस्तेमाल होने वाली मुद्राएं) भारत में वैध मुद्रा (लीगल टेंडर) नहीं हैं और इनके विनिमयन की मांग पर सरकार की ओर से गठित एक विशेषज्ञ समिति जांच कर रही है।

जेटली ने तब कहा था कि क्रिप्टो करेंसी का एक पहलू यह है कि उनमें सरकार पर निर्भरता का अभाव है। यह गोपनीय तरीके से काम करती है। यह आभासी समुदाय की ओर से सृजित की जाती है और उन्हीं के बीच आपसी विश्वास के आधार पर इस्तेमाल होती है। उस समय दुनिया में 785 आभासी मुद्राएं चल रही थी।