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Last Updated : मंगलवार, 19 जुलाई 2022 (20:25 IST)

दाल-चावल-आटा, दूध-दही-पनीर जैसे 14 सामानों पर नहीं लगेगा GST, निर्मला सीतारमण ने रखी एक शर्त

दाल-चावल-आटा, दूध-दही-पनीर जैसे 14 सामानों पर नहीं लगेगा GST, निर्मला सीतारमण ने रखी एक शर्त - finance minister nirmala sitharaman said no gst on these 14 items when purchase loose know details
नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चावल, आटा ,दाल , पनीर, दूध, छाछ समेत कुछ अति आवश्यक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाने के फैसले पर विवाद को शांत करने की कोशिश की है। उन्होंने ट्विटर पर 14 चीजों की लिस्ट भी जारी की है, जिन पर सशर्त जीएसटी नहीं लगेगा।
 
वित्तमंत्री ने इसको लेकर जीएसटी परिषद की चंडीगढ़ में हुई 47वीं बैठक में लिए गए इस निर्णय पर एक के बाद एक कुल 14 ट्‍वीट कर इसको लेकर जारी विवाद को शांत करने की पूरी कोशिश की है और उन 14 चीजों की सूची भी जारी की है जिन पर सशर्त जीएसटी नहीं लगेगा। यह शर्त है कि इन वस्तुओं को खुले में खरीदा जाए। इनकी पैकिंग नहीं होनी चाहिए। 18 जुलाई से देश में खाने- पीने की कई चीजों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गया है।
ऐसे में खाने-पीने के ब्रांडेड और पैक वाले सामानों जैसे दाल, आटा, चावल, दही और लस्सी जैसे जरूरी सामानों के दामों पर जीएसटी लगेगा। इस बीच वित्त मंत्री ने 14 वस्तुओं की सूची जारी कर कहा कि इन पर टैक्स नहीं लगेगा, सिर्फ अगर इन्हें खुले में खरीदा जाए।
 
उन्होंने कहा कि अगर इस सूची में शामिल सामानों को खुले, बिना पैकिंग या बिना लेबल के खरीदा जाता है तो इन सामानों पर जीएसटी से छूट दी जाएगी। इन सामानों में दाल, गेहूं, राई, ओट्स, मक्का, चावल, आटा, सूजी, बेसन, दही और लस्सी शामिल है।
 
कल वित्त मंत्रालय ने एक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा था कि अगर इन चीजों की पैकिंग 25 किलोग्राम या 25 लीटर से ज्यादा की बोरी या पैक में होती है तो इन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। 
 
पांच फीसदी जीएसटी पहले से पैक हुई सिर्फ उन्हीं उत्पादों पर लगेगा जिनका वजन 25 किलोग्राम तक है। अगर रिटेलर व्यापार विनिर्माता या वितरक से 25 किलोग्राम पैक में सामान लाकर उसे खुले में बेचता है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।
 
वित्त मंत्री ने जीएसटी को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों की सहमति का भी जिक्र करते हुए कहा कि क्या यह पहली बार है जब इस तरह के खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया जा रहा है? राज्य जीएसटी पूर्व व्यवस्था में खाद्यान्न से राजस्व जुटा रहे थे। अकेले पंजाब ने खरीद कर के रूप में खाद्यान्न पर 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली की। उत्तर प्रदेश ने 700 करोड़ रुपए वसूले।
 
उन्होंने कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तो ब्रांडेड अनाज, दाल, आटे पर 5 प्रतिशत की जीएसटी दर लागू की गई थी। बाद में इसे केवल उन्हीं वस्तुओं पर टैक्स लगाने के लिए संशोधित किया गया था जो रजिस्टर्ड ब्रांड या ब्रांड के तहत बेची गई थीं।
 
प्रतिष्ठित निर्माताओं और ब्रांड मालिकों द्वारा जल्द ही इस प्रावधान का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग देखा गया और धीरे-धीरे इन वस्तुओं से जीएसटी राजस्व में काफी गिरावट आई। जिसके बाद फिटमेंट कमेटी के पास इन उत्पादों को भेजा गया जिसकी सिफारिशों के आधार पर यह कर लगाया गया है।

महंगाई घटाने के उपाय : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने मुद्रास्फीति को कम करने के लिए आपूर्ति पक्ष के स्तर पर पिछले चार महीनों में कई कदम उठाए हैं। उन्होंने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी कहा कि प्रमुख आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की सरकार नियमित रूप से निगरानी करती है और समय-समय पर सुधारात्मक कार्रवाई की जाती है।
 
मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए किए गए उपायों में- दालों पर लगने वाले आयात शुल्क और उपकर में कमी करना, शुल्क को युक्तिसंगत बनाना और खाद्य तेलों तथा तिलहन पर भंडार सीमा लागू करने जैसे उपाय शामिल हैं।
 
इसके अलावा, प्याज और दालों के लिए बफर स्टॉक बनाने, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की अनुसूची में 30 जून, 2022 तक सोया खली को एक आवश्यक वस्तु के रूप में शामिल करने तथा 30 जून, 2022 तक सोया खली पर भंडार सीमा को लागू करने जैसे उपाये भी किए गए।
 
इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने उत्पादकों से खाद्य तेलों की वैश्विक कीमतों में गिरावट के बीच खाद्यतेलों के खुदरा कीमतों में कमी करने और सभी भौगोलिक क्षेत्रों में कीमतों में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए कहा था।
 
उन्होंने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए विभिन्न उपायों को साझा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने प्रमुख खाद्य तेल संघों को तत्काल प्रभाव से खाद्य तेलों के एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) में 15 रुपये की कमी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
 
पेट्रोल-डीजल पर कीमतें कम : सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए 21 मई, 2022 को पेट्रोल पर 8 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क कम किये। उन्होंने कहा कि मूल्य स्थिरीकरण के लिए प्याज और दालों का बफर स्टॉक रखा गया है।
 
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सीतारमण ने कहा कि भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी और टाटा क्लीनटेक कैपिटल सहित 15 कंपनियों ने पिछले पांच साल से हरित बांड से 4,539 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इन कंपनियों ने 6.49-8.74 प्रतिशत ब्याज पर धन जुटाया।