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Last Modified: शुक्रवार, 13 अक्टूबर 2017 (22:39 IST)

विमान यात्रियों के लिए खुशखबर, टर्मिनल-2 से शुरू होंगी उड़ानें

विमान यात्रियों के लिए खुशखबर, टर्मिनल-2 से शुरू होंगी उड़ानें - Delhi International Airport, Terminal-2, Flight from Terminal-2
नई दिल्ली। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-2 से सात साल बाद विमानों का परिचालन 29 अक्टूबर से फिर शुरू होगा। किफायती विमान सेवा कंपनी गोएयर अपना पूरा परिचालन नए सिरे से बने इस टर्मिनल पर स्थानांतरित करने के लिए तैयार हो गई है। 
      
हवाई अड्डे का परिचालन करने वाली कंपनी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डायल) ने आज बताया कि गो एयर 29 अक्टूबर से अपना पूरा परिचालन टर्मिनल-2 पर स्थानांतरित करने पर सहमत हो गई है। उसने बताया कि 17 अक्टूबर से परिचालन के लिए टर्मिनल को तैयार करने और स्थानांतरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। 
      
टी-2 पर इस साल मार्च से ही परिचालन शुरू होना था, लेकिन कोई भी एयरलाइन वहाँ परिचालन स्थानांतरित करने के लिए तैयार नहीं थी। 
 
नागर विमानन मंत्रालय और डायल के साथ एयरलाइंस के बीच काफी विचार-विमर्श के बाद टी-1 से परिचालन कर रहे सभी एयरलाइंस से कह दिया गया था कि उनके लिए अपनी एक तिहाई क्षमता टी-2 पर ले जानी जरूरी है। 
 
इसके बावजूद इंडिगो और स्पाइसजेट इसके लिए राजी नहीं हो रहे। हालाँकि, गोएयर अपनी सभी फ्लाइटें टी-2 से करने के लिए तैयार हो गया है। 
      
टी-2 का निर्माण वर्ष 1993 में हुआ था और वर्ष 2010 तक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन यहीं से होता था। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन टी-3 पर शुरू हुआ और 100 करोड़ रुपए की लागत से टी-2 को नए सिरे से बनाया गया है। 
 
यह अस्थायी व्यवस्था है और टर्मिनल-1 नए सिरे से तैयार कर उसकी क्षमता बढ़ाने के बाद एक बार फिर सभी घरेलू विमानों का परिचालन टी-1 पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
     
हवाई अड्डे के मास्टर प्लान के तहत टर्मिनल-1 पर बोझ कम करके उसकी क्षमता दोगुनी की जाएगी। तब तक इसका एक-तिहाई यात्री भार टर्मिनल-2 पर स्थानांतरित किया जाना है। दूसरे चरण के तहत टर्मिनल-2 को फिर से तोड़ा जाएगा और टर्मिनल-3 का विस्तार किया जाएगा। 
 
तीसरे चरण में एक नया टर्मिनल बनाया जाएगा और हवाई अड्डे की क्षमता बढ़कर 11 करोड़ 90 लाख पर पहुँच जाएगी। इसके अलावा वर्ष 2021 तक चौथा रनवे भी बनकर तैयार हो जाएगा।
     
टी-1 के विस्तार के दौरान भी वहाँ एक करोड़ 60 लाख यात्रियों की आवाजाही जारी रहेगी। टी-2 की क्षमता एक करोड़ 50 लाख तक यात्रियों की आवाजाही का बोझ उठाने की है और फिलहाल वहाँ 80 लाख यात्रियों का भार स्थानांतरित किया जाएगा। 
 
टी-1 के नए सिरे से निर्माण का काम 42 महीने में पूरा हो जाएगा। इसके बाद इसकी क्षमता मौजूदा दो करोड़ से बढ़कर चार करोड़ यात्रियों की हो जाएगी। टर्मिनल-2 नए सिरे बनकर पूरी तरह तैयार है। यहाँ चार एंट्री गेट, 74 चेकइंन काउंटर, नौ एक्सरे मशीनें, छह कॉन्टैक्ट स्टैंड, चार बस गेट, छह बेल्ट और दो एग्जिट गेट हैं। (वार्ता)
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