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Last Updated : रविवार, 7 जून 2020 (22:55 IST)

Jio Platforms में ADIA करेगी 5683 करोड़ का निवेश, कंपनी ने किया ऐलान

Jio Platforms में ADIA करेगी 5683 करोड़ का निवेश, कंपनी ने किया ऐलान - abu dhabi investment authority will invest 5683 crore in jio platforms
मुंबई। अबुधाबी निवेश प्राधिकरण (ADIA) ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल इकाई जियो प्लेटफॉर्म्स (Jio Platforms) में 1.16 प्रतिशत हिस्सेदारी के लिए 5,683.50 करोड़ रुपए का निवेश किया है। यह पिछले 7 सप्ताह से भी कम समय में जियो में आठवां निवेश है। इसके साथ ही 47 दिनों के भीतर जियो में सम्मिलित निवेश 1 लाख करोड़ रुपए के करीब पहुंच गया।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रविवार को एक बयान में कहा कि एआईडीए ने जियो प्लेटफॉर्म्स में 1.16 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले यह निवेश किया है। उसने कहा कि इस सौदे में जियो प्लेटफॉर्म्स का शेयर मूल्यांकन 4.91 लाख करोड़ रुपए और उपक्रम मूल्यांकन 5.16 लाख करोड़ रुपए किया गया।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने कहा कि मुझे खुशी है कि निवेश के चार दशक की सफलता के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एडीआईए जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ भागीदारी कर रहा है। वह जियो के मिशन में भागीदार है, जो भारत के लिए डिजिटल लीडरशिप और समावेशी विकास के अवसर पैदा करता है। यह निवेश हमारी रणनीति और भारत की क्षमता पर एडीआईए के भरोसे का प्रतीक है।
 
एडीआईए में प्राइवेट इक्विटी विभाग के कार्यकारी निदेशक हमाद शाहवान अल्दहेरी ने कहा कि जियो प्लेटफॉर्म्स भारत की डिजिटल क्रांति में सबसे आगे है। जियो में हमारा निवेश बाजार की अग्रणी कंपनियों में निवेश करने की हमारी गहरी समझ और विशेषज्ञता को प्रदर्शित करता है।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज अब तक कुल मिलाकर जियो प्लेटफॉर्म्स की 21.06 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के सौदे कर चुकी है, जिससे कुल मिलाकर कंपनी को 97,885.65 करोड़ रुपए मिले हैं।
 
इससे पहले फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर और मुबाडाला जैसी कंपनियां जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश कर चुकी हैं।
 
फेसबुक ने 22 अप्रैल को जियो प्लेटफार्म्स में 43,574 करोड़ रुपए में 9.99 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी। इस सौदे के कुछ दिनों बाद दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी निवेशक कंपनी सिल्वर लेक ने जियो प्लेटफार्म्स में 5,665.75 करोड़ रुपए में 1.15 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी।
 
इसके बाद अमेरिका स्थित विस्टा इक्विटी पार्टनर्स ने 8 मई को जियो प्लेटफार्म्स में 11,367 करोड़ रुपए में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी। वैश्विक इक्विटी फर्म जनरल अटलांटिक ने 17 मई को कंपनी में 6,598.38 करोड़ रुपए में 1.34 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। इसके बाद अमेरिकी इक्विटी निवेशक केकेआर ने 11,367 करोड़ रुपए में 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी।
 
पिछले सप्ताह शुक्रवार को अबुधाबी के सावरेन निवेशक मुबाडला और निजी निवेश कंपनी सिल्वर लेक ने भी निवेश किया था। मुबाडला ने जियो प्लेटफॉर्म्स की 1.85 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 9,093.60 करोड़ रुपए का निवेश किया, जबकि सिल्वरलेक ने जियो प्लेटफॉर्म्स में अतिरिक्त 0.93 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 4,546.80 करोड़ रुपए का नया निवेश किया। इससे जियो प्लेटफॉर्म्स में सिल्वर लेक द्वारा किया गया कुल निवेश 10,202.55 करोड़ रुपए और कुल हिस्सेदारी 2.08 प्रतिशत हो गई है।
 
इस सौदे के साथ ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संभावित आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) से पहले जियो प्लेटफॉर्म्स में 21 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का लक्ष्य पूरा कर लिया है।
 
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जियो प्लेटफार्म्स एक प्रौद्योगिकी कंपनी है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड, जिसके पास 38.8 करोड़ मोबाइल ग्राहक हैं, वह जियो प्लेटफार्म्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बनी रहेगी।
 
बयान में कहा गया कि एडीआईए की स्थापना 1976 में हुई थी और यह प्राधिकरण अबु धाबी सरकार की ओर से निवेश करता है। यह एक वैश्विक निवेश पोर्टफोलियो का प्रबंधन करता है।
 
एडीआईए के निवेश के इस सौदे में मॉर्गन स्टैनली ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए वित्तीय सलाहकार का काम किया। एजेबी एंड पार्टनर्स और डेविस पॉक एंड वार्डवेल ने कानूनी परामर्श प्रदान किया।
 
भारत के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी (63) ने अपनी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज को मार्च 2021 से पहले कर्जमुक्त बनाने का पिछले साल अगस्त में लक्ष्य तय किया था। जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश के इन सौदों तथा 53,125 करोड़ रुपए के राइट इश्यू के कारण उनका  लक्ष्य समय से काफी पहले ही पूरा होता दिख रहा है। ऐसा अनुमान है कि इस साल दिसंबर तक रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्त हो जाएगी।
 
मार्च तिमाही के अंत तक रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऊपर 3,36,294 करोड़ रुपए के बकाए थे, जबकि उसके पास 1,75,259 करोड़ रुपए की नकदी मौजूद थी। इस तरह कंपनी का शुद्ध उधार 1,61,035 करोड़ रुपए हुआ। कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश के इन सौदों तथा हालिया राइट इश्यू से करीब 1.50 लाख करोड़ रुपए जुटा चुकी है। (भाषा)