महंगाई ने बढ़ाई RBI की चिंता, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की 10 खास बातें
मुंबई। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी। शीर्ष बैंक ने एक बार फिर पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। रेपो रेट पहले की तरह 4% पर बरकरार रहेगा। वहीं रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बना हुआ है। रिजर्व बैंक के सामने मुद्रास्फिति बड़ी चिंता बनी हुई है। जानिए रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की 10 खास बातें...
-अर्थव्यवस्था नई एवं बहुत बड़ी चुनौतियों से जूझ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था बड़े विदेशी मुद्रा भंडार की वजह से संतोषजनक स्थिति में; रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था के बचाव के लिए पूरी तरह से तैयार।
-ईंधन के ऊंचे दामों की वजह से मुद्रास्फीति बढ़ सकती है। निकट भविष्य में खाद्य तेलों की कीमतें ऊंचे स्तर पर रहेंगी।
-चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति बढ़कर 5.7 प्रतिशत पर पहुंच सकती है। पहले इसके 4.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान था
-रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो को लगातार 11वीं बार यथावत रखते हुए इसे चार प्रतिशत पर कायम रखा।
-आरबीआई ने वृद्धि को कायम रखने और मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिए अपने नरम रुख में थोड़े बदलाव किए हैं।
-आरबीआई आर्थिक प्रणाली में डाली गई 8.5 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त तरलता को क्रमबद्ध ढंग से कुछ साल में वापस लेगा।
-रिजर्व बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगी।
-रबी फसलों की अच्छी पैदावार से ग्रामीण मांग को समर्थन मिलना चाहिए, संपर्क वाली सेवाओं में तेजी आने से शहरी मांग को सहारा मिल सकता।
-रूस-यूक्रेन युद्ध आर्थिक पुनरुद्घार को धीमा कर सकता है, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 7.2 प्रतिशत किया।
-भारतीय अर्थव्यवस्था महामारी की वजह से पैदा हुई सुस्ती से धीरे-धीरे उबर रही है। रिजर्व बैंक बाजार में वित्तीय स्थिति को व्यवस्थित रखेगा और इसे वैश्विक प्रभाव से बचाने के लिए कदम उठाए।