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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शनिवार, 12 जुलाई 2025 (14:20 IST)

क्या सितंबर में मोदी जी छो़ड़ने वाले हैं पद, यदि ऐसा है तो फिर कौन बनेगा नया पीएम?

Prediction about Narendra Modi
Narendra modi kundli chart: 17 सितंबर 2025 को नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हो जाएंगे। भारतीय जनता पार्टी के नियम के अनुसार 75 के बाद व्यक्ति को सेवानिवृत्त हो जाना चाहिए जैसा कि हाल ही में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायरमेंट ले लेनी चाहिए। भागवत ने कहा, 'जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो समझिए कि दूसरों का मौका देने का समय आ गया है। आपको किनारे हो जाना चाहिए। तो क्या सच में पीएम मोदी रिटायर होने वाले हैं यदि ऐसा है तो कौन बनेगा अगला पीएम, किसके सितारे हैं बुलंदी पर? अधिकतर ज्योतिष यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि देश में ऐसे हालात निर्मित होंगे कि नरेंद्र मोदी को अपना पद त्यागना पड़ेगा। तब वे अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी को सत्ता सौंपकर खुद मार्गदर्शक मंडल में रहेंगे। क्या यह सच है?
 
आजकल कई ज्योतिष विश्लेषक बता रहे हैं कि 2026 तक मोदी देश के प्रधानमंत्री रहेंगे इसके बाद कोई नया प्रधानमंत्री होगा।
 
1. मोदी की कुंडली का विश्लेषण: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म मेहसाणा जिला के वडनगर ग्राम में 17 सितंबर 1950 को दोपहर 12:09 बजे हुआ था। इंटरनेट से प्राप्त जन्म समय के अनुसार पीएम मोदी की जन्म कुंडली वृश्चिक लग्न की है और उनकी राशि भी वृश्चिक है। वृश्चिक लग्न कुंडली के लग्न में मंगल और चंद्र बैठे हैं। मंगल और चंद्र की युति को महालक्ष्मी योग कहते हैं। इसी के साथ ही लग्नेश मंगल केंद्र में स्वराशिस्थ होकर 'रूचक' नामक पंच महापुरुष राजयोग बना है। मोदी की कुंडली में चन्द्र नीच राशिस्थ होकर मंगल के साथ युति कारक होने एवं चन्द्र की उच्च राशि के स्वामी शुक्र के चन्द्र से दशमस्थ होने से उनकी जन्म पत्रिका में 'नीचभंग राजयोग' बन रहा है। मंगल छठे एवं प्रथम भाव का स्वामी होकर लग्न में स्थित हैं, इसलिए मोदी के शत्रु मोदी से कभी जीत नहीं पाएं।
 
वर्तमान में पीएम मोदी की कुंडली में मंगल की महादशा चल रही है जो 29 नवम्बर 2021 से प्रारंभ होकर 29 नवम्बर 2028 तक रहेगी। यानी वर्ष 2028 तक वे चाहें तो पीएम बने रह सकते हैं उन्हें कोई हटा नहीं सकता। हालांकि नैतिकता के आधार पर वे इस्तीफा दे दें तो अलग बात है। लेकिन 2028 तक उनकी और भारत की ताकत और सम्मान पूरी दुनिया में और भी ज्यादा बढ़ने वाला है। गुरु की अंतर्दशा होने से दुनिया के सभी नेता मोदी को अपना नेता मानेंगे और दशम भाव में शुक्र के होने से चुनौतियां तो बहुत मिलेंगी परंतु गुरु के कारण उन सबसे पार पा लेंगे। 
 
वर्तमान में उनकी जन्म कुंडली में मंगल की महादशा और शनि की अंतर्दशा चल रही है। इन दोनों ग्रहों के शुभ प्रभाव से 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनकर पद पर बने रहे लेकिन माना जा रहा है कि 2026 तक मोदी जी को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है। 07/12/027 के बाद उनकी राजनीतिक स्थिति में बदलाव होना प्रारंभ होगा और इसके बाद 2028 तक उनका पद पर बने रहना मुश्‍किल हो जाएगा।
Yogi adityanath
मोदी के बाद कौन बनेगा अगला पीएम:
1. योगी आदित्यनाथ: योगीजी को पार्टी के भीतर और बाहर से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन योगी जी का जो पराक्रम और निर्भिकता है उसके चलते वे सभी से पार पा जाएंगे। योगीजी की सिंह लग्न की कुंडली में पंचम में गुरु और कर्म भाव में शनि, सूर्य और बुध की युति है। छठे में राहु और 12वें में केतु विराजमान है। इसी के साथ लाभ भाव में मंगल और शुक्र की युति है और सप्तम भाव में चंद्रमा है। हालांकि शनि और मंगल की प्रबल स्थिति के चलते वे और भी ज्यादा दृढ़ और निडर होकर सामने आएंगे। आने वाले समय में उनके प्रभाव और राजनीतिक कद में वृद्धि के संकेत हैं। 
 
योगी आदित्यनाथ की कुंडली के अनुसार उनका लग्‍न सिंह है और लग्‍नेश कर्म का कारक होकर सूर्य, शनि और बुध की युति के साथ में विद्यमान है। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक जिसकी कुंडली में लग्नेश कर्म भाव होता है, उस जातक को जीवन में उच्च पद की प्राप्ति होती है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार योगी आदित्यनाथ की कुंडली में पंचम भाव में गुरु स्‍वग्रही होकर बैठे है, लेकिन छठे भाव में राहु का शत्रुहंता योग बन रहा है। इससे यह साबित होता है कि यह अपने आसपास शत्रुओं से घिरे रहेंगे लेकिन यह शत्रुओं पर हावी रहेंगे। ग्यारहवें भाव को देखें तो इसमें शुक्र और इसी भाव में मंगल तृतीय स्थान पर हैं। जबकि द्वादश भाव में केतु मौजूद हैं। इसके हिसाब से देखा जाए तो जातक का समय शानदार होने वाला है। हालांकि अभी 2 साल तक उनके पीएम बनने के कोई योग नहीं है। कोई चमत्कार ही उन्हें पीएम बना सकता है।
 
2. अमित शाह: ज्योतिषियों के अनुसार शनि की दशा अमित शाह की राजनीतिक स्थिरता को बढ़ाएगी और उन्हें महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी। इस अवधि में उनके नेतृत्व में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में सुधार और विस्तार हो सकता है। गुरु का प्रभाव उनके राजनीतिक करियर में नए अवसर और गठबंधन की संभावनाएं बढ़ाएगा। इस दौरान उनकी कूटनीति क्षमता और रणनीतिक कौशल और उभरकर सामने आएंगे। राहु कभी-कभी अप्रत्याशित चुनौतियां ला सकता है, खासकर उनकी सेहत को लेकर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। इसी के साथ कुछ विवादों या आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ये उनके करियर को दीर्घकालिक नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। ज्योतिषीय संकेतों के अनुसार, अमित शाह भविष्य में प्रधानमंत्री पद के एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
 
3. नितिन गडकरी: शाह और योगी के बाद नितिन गडकरी प्रबल दावेदार हैं। वृश्चिक लग्न की इनकी कुंडली में द्वितीयेश और पंचमेश गुरु कर्म के दशम भाव में बैठे हैं, जिस के कारण उनकी साफ सुथरी छवि बनी है। सूर्य और गुरु की परस्पर केंद्र स्थिति के कारण इन्हें राजनीतिक जगत में अच्छा ओहदा मिला है। इनकी कुंडली में प्रधानमंत्री बनने के योग भी दिख रहे हैं। नितिन गडकरी कि अभी गुरु में राहु की अंतर्दशा चल रही है। इनकी कुंडली में राहु द्वादश भाव में तुला राशि में बैठे हैं। तुला के स्वामी शुक्र लग्न से सप्तम भाव में स्वराशि में बैठे हैं और दशमेश सूर्य के साथ भी हैं। ज्योतिष मानते हैं कि मई 2025 से अगस्त 2026 तक का यह वो समय है जबकि उनके सितारे बुलंदी पर रहेंगे।
 
निष्कर्ष: तीनों की कुंडली का विश्लेषण करें तो अमित शाह की कुंडली सबसे ज्यादा स्ट्रांग है लेकिन योगी आदित्यनाथ की कुंडली के योग भी कम नहीं है। यदि उपयोक्त में से कोई चौथा ही प्रधानमंत्री बनता है तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होगा। इसमें एक नाम विदेश मंत्री एस जयशंकर का हो सकता है।
 
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