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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 28 जुलाई 2025 (13:04 IST)

तूफानी रफ्तार से धरती की ओर आ रहा है 20 किलोमीटर लंबा एलियन स्पेसशिप

alien spaceship news
Photo Courtesy NASA

सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हो रही है कि NASA ने 20 KM लंबे इंटरस्टेलर पिंड की खोज की है। नासा 1 जुलाई से इस वस्तु पर नजर रख रहा है। हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है कि यह वस्तु धरती की तरफ 2.17 लाख किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कोई चट्टान नहीं बल्कि एलियन का स्पेसशिप हो सकता है। उन्होंने इसे 3I/ATLAS नाम दिया है। हालांकि, वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह ऑब्जेक्ट स्पेसशिप है या कोई धूमकेतु।
 
दुनिया भर के खगोलविदों की है इस पर नजर:
नासा के अनुसार चिली के रियो हर्टाडो स्थित एक सर्वेक्षण दूरबीन ने इस ऑब्जेक्ट की खोज की है। इसकी पहली रिपोर्ट 1 जुलाई 2025 को जारी की गई थी। इससे पहले दुनियाभर के टेलिस्कोप से जांच की गई। दुनिया भर के खगोलविद इस इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट पर नजर रखे हुए हैं। यह तीसरा ज्ञात इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट है। इसके कारण ही इसके नाम में 3 शामिल किया गया है। ALSO READ: जल्द ही धरती की इस इस जगह एलियन उतरेंगे, क्या सच होने वाली है ये भविष्यवाणी
 
कहां से आ रहा है ये स्पेशशिप?
यह हमारे सौर्य मंडल से बाहर कहीं से तेजी से आ रहा है। नासा के अनुसार यह किसी अन्य तारामंडल में बना है। यह धनु तारामंडल की दिशा से धरती की तरफ आ रहा है और हमारी मिल्की वे आकाशगंगा से गुजर रहा है। इसके कारण हमारे सोलर सिस्टम को नजर आ रहा है। 
 
कितना बड़ा है या स्पेशशिप?
वैज्ञानिकों के अनुसार यह करीब 20 किलोमीटर लंबा है। लोएब के मुताबिक इस पिंड के आसपास गैस और धूल की मोटी परत है जो इसकी संरचना को संदिग्ध बनाती है। इसकी दिशा, गति और बनावट किसी प्राकृतिक पिंड जैसी नहीं है और यह संभव है कि इसे किसी एडवांस एलियन सभ्यता ने पृथ्वी या सूरज के के करीब भेजा हो। ALSO READ: क्या एलियन भेज रहे हैं पृथ्वी पर सिग्नल? मिल्की वे में रहस्यमयी पिंड से मिल रही एक्स-रे और रेडियो तरंगें
 
क्या जानबूझकर हमारे सौरमंडल की ओर भेजा गया है ये स्पेशशिप?
इस खोज की सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री एवी लोएब का कहना है कि यह कोई सामान्य उल्कापिंड नहीं बल्कि एक एलियन टेक्नोलॉजी हो सकती है, जिसे जानबूझकर हमारे सौरमंडल की ओर भेजा गया है। यदि ये शंका साबित हुई तो मानवता के लिए यह एक अनजाना खतरा भी बन सकती है। सवाल है कि क्या यह सूर्य से टकराएगा या कि यह धरती से टकराएगा। दोनों ही स्थिति में यह मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है।
 
लोएब और उनके सहयोगियों ने इस घटना को 'डार्क फॉरेस्ट हाइपोथीसिस' से जोड़ा है। इस सिद्धांत का अर्थ है कि इस ब्रह्मांड में अनगिनत एलियन सभ्यताएं मौजूद हैं, लेकिन वे एक-दूसरे से छुपती हैं ताकि सामूहिक विनाश से बचा जा सके। यदि 3I/ATLAS वास्तव में ऐसी ही किसी सभ्यता का भेजा गया यान है तो यह हमारी पृथ्वी के लिए खतरे की घंटी हो सकती है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि यह सिर्फ एक पुराना अंतरिक्षीय पिंड हो सकता है जिसे दूरस्थ तारों की ग्रैविटी ने बाहर फेंका हो। 
 
कब तक यह धरती के नजदीक होगा?
3I/ATLAS दिसंबर में पृथ्वी के सबसे पास से करीब 270 मिलियन किमी से गुजरेगा, और इस दौरान वैज्ञानिक इसकी और अधिक निगरानी करेंगे। यह भी संभावना है कि यह सूरज से 21 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। नासा ने बताया है कि 30 अक्तूबर को यह स्पेसशिप सूरज के सबसे करीब पहुंचेगा। नासा का कहना है कि प्रोजेक्शन के हिसाब से यह वस्तु धरती से 21 करोड़ किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा। यदि ऐसा होता है तो हमारे लिए चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

कितनी स्पीड से आ रहा है यह स्पेशशिप?
हालांकि नासा के अनुसार यह 137,000 मील प्रति घंटे (221,000 किलोमीटर प्रति घंटे, या 61 किलोमीटर प्रति सेकंड) की गति से यात्रा कर रहा था, और जैसे-जैसे यह सूर्य के निकट आएगा, इसकी गति बढ़ती जाएगी।अधिकतर वैज्ञानिक इसे धूमकेतु मान रहे हैं।

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