जम्मू। जम्मू कश्मीर के दो राजधानी शहरों - श्रीनगर व जम्मू- में मेट्रो रेल चलाने की परियोजना धन की कमी के कारण अटक गई है। फिलहाल यह अनुमोदन की प्रक्रिया में इसलिए फंसी हुई है क्योंकि इसे पूरा करने के लिए 11 हजार करोड़ की राशि कहां से आएगी, यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। हालांकि इस संबंध में मास रैपिड ट्रांजिट कारपोरेशन (MRTC) ने सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं और इस संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी भेज दी है।
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए प्रस्तुत डीपीआर अभी भी अनुमोदन प्रक्रिया में है क्योंकि भारी धन की भागीदारी परियोजना में देरी का कारण बनी हुई है। उनका कहना था कि मेगा प्रोजेक्ट के लिए बहुत सारी फंडिंग शामिल है और फंडिंग के स्रोतों को भी खोजने की जरूरत है। यह कुछ ऐसा है जिसे हम देख रहे हैं।
हालांकि अधिकारी का कहना था कि फिर भी परियोजना अच्छी तरह से बनाई गई है और अच्छी तरह से बनाई गई है।
वे कहते थे कि संरेखण और अन्य अनिवार्य प्रक्रियाएं अच्छी तरह से डिजाइन की गई हैं और बनाई गई हैं। वे शहरी केंद्रों को स्पर्श कर रहे हैं, जिसके लिए आधुनिक शहरी गतिशीलता योजना की आवश्यकता है। सब कुछ ध्यान में रखा गया है और इस संबंध में डीपीआर जमा कर दिया गया है।
सूत्रों ने कहा कि एमआरटीसी द्वारा सब कुछ तय कर लिया गया है, लेकिन परियोजना को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है और इसे मंजूरी मिलने में कुछ और समय लग सकता है। गेंद अब भारत सरकार के पाले में है। परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही आगे बढ़ाया जा सकता है। दरअसल इस परियोजना पर 11 हजार करोड़ की राशि खर्च होने का अनुमान है। इसे किस तरह से जुटाया जाएगा यह फिलहाल तय नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर सरकार ने मंजूरी के लिए केंद्र को जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 10,599 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) सौंपी थी, जिसमें श्रीनगर के लिए 5,734 करोड़ रुपये और मेट्रो रेल परियोजनाओं के लिए 4,825 करोड़ रुपये शामिल हैं। यह परियोजना पूरा होने पर श्रीनगर और जम्मू भारत के पहले दो गैर-प्रमुख शहर बन जाएंगे जहां तीव्र परिवहन नेटवर्क कार्यात्मक होगा।
परियोजना के अनुसार, जम्मू लाइट मेट्रो साल भर में प्रतिदिन 17 घंटे संचालित होगी जबकि श्रीनगर लाइट मेट्रो गर्मियों के दौरान प्रतिदिन 17 घंटे और सर्दियों के दौरान प्रतिदिन 14 घंटे संचालित होगी। मेट्रो रेल लाइनों में केवल एलिवेटेड कारिडोर होंगे क्योंकि भूमिगत सुरंगों को व्यवहार्य नहीं पाया गया था।
डीपीआर के अनुसार, मेट्रोलाइट सिस्टम के कोच आधुनिक, हल्के और एयर कंडीशनिंग सिस्टम के साथ स्टेनलेस स्टील और एल्यूमीनियम से बने होंगे।
जम्मू लाइट रेल सिस्टम की लंबाई 23 किलोमीटर होगी जिसमें बनतालाब और बड़ी ब्राह्मणा के बीच 22 स्टेशन होंगे जबकि श्रीनगर लाइट रेल सिस्टम की लंबाई 25 किलोमीटर होगी जिसमें इंदिरा नगर से एचएमटी जंक्शन तक 12.5 किलोमीटर की लंबाई और 12.5 किलोमीटर की लंबाई शामिल है। हजूरी बाग से उस्मानाबाद तक 24 स्टेशन होंगें।